नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बुधवार को कई अहम फैसले लिए गए हैं। सरकार ने लक्ष्मी विलास बैंक और डीबीएस बैंक के विलय को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल और आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में और 3 अहम फैसले लिए गए |जानिए क्या हैं ये फैसले |

एटीसी टेलीकॉम में एटीसी एशिया पैसिफिक के 2480.92 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी|

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने एटीसी टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड में एटीसी एशिया पैसिफिक पीटीई लिमिटेड द्वारा 2480.92 करोड़ रुपये के निवेश को भी मंजूरी दी। केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने टाटा टेली सर्विसेज लिमिटेड (टीटीएसएल) और टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल) द्वारा पुट ऑप्शन के प्रयोग के परिणाम के रूप में इस एफडीआई प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने प्रेसवार्ता में बताया कि टेलीकॉम क्षेत्र की टाटा की कंपनी एटीसी में एशिया पेसिफिक लिमिटेड द्वारा 12 प्रतिशत शेयर खरीदने को आज मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि इस निवेश से स्पष्ट होता है कि भारत में बढ़ते टेलीकॉम क्षेत्र में दुनिया निवेश का लाभ उठाना चाहती है।

उन्‍होंने कहा कि इससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी और क्षेत्र में शोध कार्य बढ़ेगा। एटीसी टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड दूरसंचार ऑपरेटरों को दूरसंचार अवसंरचना सेवाएं प्रदान करने के व्यवसाय में लगी हुई है। कंपनी में 86.36 प्रतिशत तक की एफडीआई को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है और इस मंजूरी के साथ यह बढ़कर 98.68 प्रतिशत (पूरी तरह से डाइल्यूट आधार पर) हो जाएगी।

वित्त वर्ष 2020-2021 के दौरान एटीसी एशिया पैसिफिक लिमिटेड द्वारा एटीसी टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2480.92 करोड़ रुपये होगा। वित्त वर्ष 2018-19 में एफडीआई प्रस्तावों में दी गई मंजूरी को देखते हुए यह कुल मिलाकर 5417.2 करोड़ रुपये हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि दूरसंचार सेवा क्षेत्र में 100 प्रतिशत तक की एफडीआई की अनुमति दी गई है, जिसमें स्वतः रूप से 49 प्रतिशत तक और 49 प्रतिशत से बाद का हिस्सा सरकारी माध्यम से होगा, बशर्ते दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा समय-समय पर अधिसूचित लाइसेंस एवं सुरक्षा संबंधी शर्तों का अनुपालन लाइसेंसधारक और निवेशकों द्वारा किया जाए।

एनआईआईएफ में पूंजी लगाने को मिली मंजूरी

वहीं केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने असीम इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर फाइनेंस लिमि‍टेड (एनआईआईएफ) तथा एनआईआईएफ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर फाइनेंस लिमिटेड के साझा एनआईआईएफ डेब्ट प्‍लेटफॉर्म में सरकार द्वारा 6,000 करोड़ रुपये की इक्विटी लेने की मंजूरी दी है। यह आत्मनिर्भर भारत 3.0 के अंतर्गत 12 नवम्बर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए घोषित 12 प्रमुख उपायों में एक था।

इस संबंध में केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि सरकार ने अब तक बॉन्ड मार्केट का उचित लाभ नहीं उठाया था। राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढांचा कोष (एनआईआईएफ) इसी दृष्टि से बनाया गया था। सरकार अब इसमें 6 हजार करोड़ के निवेश करेगी। उन्होंने यह भी बताया कि एनआईआईएफ एसओएफ द्वारा पहले से ली गई इक्विटी तथा निजी क्षेत्र की संभावित इक्विटी भागीदारी के अतिरिक्‍त सरकार द्वारा इक्विटी लिये जाने से यह ऋण प्‍लेटफॉर्म 2025 तक 1,10,000 करोड़ रुपये मूल्‍य की परियोजनाओं को ऋण सहायता देने में मदद करेगा।

लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस में विलय को मंजूरी

सरकार का कहना है कि इससे एलवीबी बैंक के 20 लाख जमाकर्ताओं के धन और चार हजार कर्मचारियों की नौकरियों दोनों पर आया संकट टल जाएगा। इस बाबत केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने जानकारी देते हुए कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड में विलय से सबकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी। इससे बैंक के 20 लाख जमाकर्ताओं के धन और चार हजार कर्मचारियों की नौकरियों दोनों पर आया संकट टल जाएगा।

प्रकाश जावडेकर ने कहा कि पूरे घटनाक्रम के बाद भारतीय रिजर्व बैंक को ऐसी स्थिति में लाने वालों को सजा दिलाने को भी कहा गया है। ऐसी कुछ घटनाएं हैं जहां कुछ लोग बैंक शुरू करते हैं और उन्हें डूबने की कगार पर ले आते हैं। उन लोगों को सजा होनी चाहिए।

केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि रिजर्व बैंक को समय रहते बैंकों में हो रही गड़बड़ियों का भी पता लगाने को कहा गया है। इससे बैंकिंग की स्थिति में सुधार होगा। सरकार का आज का फैसला जमाकर्ताओं और जनता के हितों के साथ-साथ वित्तीय प्रणाली की रक्षा करते हुए एक स्वच्छ बैंकिंग प्रणाली के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने 17 नवम्बर को दक्षिण भारत तक सीमित लक्ष्मी विलास बैंक को एक महीने के मोरेटोरियम पर डाल दिया था। आरबीआई ने टी.एन. मनोहरन को बैंक के प्रशासक के तौर पर नियुक्त करने के साथ एक महीने के लिए बैंक से जमाकर्ताओं की निकासी को 25 हजार रुपये तक सीमित कर दिया था। निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक की कुल 563 शाखा, एक हजार एटीएम और करीब 20 लाख हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here