भागलपुर। भागलपुर में अब प्राकृतिक साबुन तैयार हो रहे हैं। यहां आपको नारियल से लेकर संतरा से बने साबुन मिलेंगे, जो गंगा को स्वच्छ रखने में मदद के साथ स्कीन फ्रेंडली होगा। एक संस्था के माध्यम से कई महिलाएं साबुन बनाने में जुटी हैं। जहां महिलाएं साबुन बनाकर अच्छी खासी आमदनी कर रही हैं।

संस्था की निदेशक रानी सहाय ने बताया कि भीखनुपर में महिलाओं द्वारा हस्तनिर्मित नारियल, खीरा, नींबू, मधु, पपीता, संतरा, अड़हूल, गुलाब, बादाम, नीम व एलोवेरा से साबुन तैयार किये जा रहे हैं। लकड़ी के राख से निकला सोडा एस व तेल के माध्यम से साबुन तैयार किए जा रहे हैं।

रोजाना 100 साबुन बना रहीं हैं महिलाएं

भीखनपुर की मोना देवी, नूर, सबा आदि महिलाओं ने बताया कि हर दिन अभी 100 साबुन तैयार कर रही हैं। आगे इसे एक हजार साबुन प्रतिदिन बनाने का लक्ष्य है। अगले छह माह में आलू, गन्ना का रस, टमाटर आदि से साबुन बनाया जायेगा। अभी इन साबुनों का ऑर्डर विभिन्न होटलों से किया गया है। इसकी कीमत 80 से 270 रुपये है। महिलाओं ने बताया कि इसमें अभी दस महिलाएं जुटी हुई हैं। जो हर माह छह हजार से आठ हजार रुपये कमा लेती हैं।

केरल, दिल्ली, कोलकाता से आती है सामग्री

शुभकामिनी ने बताया कि साबुन तैयार करने के लिए कई राज्यों से यहां रॉ मटेरियल आता है। केरल से नारियल तेल, दिल्ली से अंडी का तेल व कोलकाता से मूंगफली का तेल मंगवाया जाता है। भविष्य में स्थानीय स्तर से ही तेल तैयार करवाया जायेगा ताकि यहां के लोगों को सस्ता में साबुन उपलब्ध हो सके।

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