देश के पहले ट्रैक और फील्ड सुपरस्टार और भारतीय खेल जगत का बड़ा नाम रहे मिल्खा सिंह नहीं रहे, 91 वर्षीय मिल्खा सिंह को कोरोना होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां गुरुवार को उनकी रिपोर्ट निगेटिव तो आ गई थी लेकिन 18 जून को देर रात कल उनकी हालत नाजुक हो गई और उन्होंने जिंदगी का साथ छोड़ दिया।

मिल्खा सिंह भारत के खेल इतिहास के सबसे सफल एथलीट थे। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु से लेकर पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति फील्ड मार्शल अयूब खान तक सब मिल्खा के हुनर के मुरीद थे। ऐसे में सोशल मीडिया पर हर तरफ गम का माहौल पसरा हुआ. लोग #मिल्खासिंह और #MilkhaSingh के साथ श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

मिल्खा सिंह के निधन से दुखी हूं…नहीं पता था आखिरी बातचीत है: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिल्खा सिंह के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हमने एक महान खिलाड़ी को खो दिया। देश के नागरिकों के दिलों में मिल्खा सिंह बसते थे। उन्होंने देश के लाखों लोगों को अपने व्यक्तित्व से प्रेरित किया है। उनके निधन से मैं बहुत दुखी हूं। पीएम ने लिखा कि उन्होंने कुछ ही दिनों पहले मिल्खा सिंह से बात की थी लेकिन उन्हें नहीं पता था कि वे आखिरी बार उनसे बात कर रहे हैं। 

कोरोना से अंतिम सांस तक बहादुरी से लड़े मिल्खा सिंह: पीजीआई

पीजीआई चंडीगढ़ के प्रवक्ता डॉ अशोक कुमार ने बताया कि मिल्खा सिंह को तीन जून को कोविड आईसीयू में भर्ती कराया गया था। कोविड के साथ उन्होंने बहादुर लड़ाई लड़ी। उनकी रिपोर्ट भी निगेटिव आई। लेकिन पोस्ट -कोविड जटिलताओं के कारण, उन्हें कोविड अस्पताल से मेडिकल आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया था। 

मेडिकल टीम के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद मिल्खा सिंह को उनकी गंभीर स्थिति से नहीं निकाला जा सका और वे चले गए। पीजीआई में उन्होंने 18 जून की रात 11.30 बजे अंतिम सांस ली। पीजीआई के निदेशक प्रो. जगतराम ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें हमेशा मैदान पर उनके सपोर्टिंग आइकन और बाहर उनकी असाधारण उपलब्धियों व उनके प्यारे मानवीय व्यक्तित्व के लिए याद किया जाएगा।

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