नई दिल्ली (एजेंसी)। पिछले एक साल से कोरोना वायरस महामारी का दंश झेल रहे देश को नए साल के पहले तीन दिन खुशखबरी मिली। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने रविवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी। इससे पहले, दोनों को एक्सपर्ट पैनल की हरी झंडी मिल चुकी थी। हालांकि, वैक्सीन के राहत के बीच आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने बड़ा बयान दिया है। भार्गव ने कहा कि उन्हें भी नहीं मालूम कि ये वैक्सीन कितने लंबे समय तक असरदार रहेंगी।
एसआईआई और भारत बायोटेक की वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद डॉ. बलराम भार्गव ने कहा, ”हमें नहीं मालूम कि वायरस के ट्रांसमिशन को तोड़ने के लिए हमें कितनी जनसंख्या को वैक्सीन लगानी पड़ेगी। हमें जो पता है वह यह है कि उचित व्यवहार का पालन करके देश में महामारी को नियंत्रित करने में हम सक्षम हैं।” उन्होंने मास्क को लेकर भी अहम जानकारी दी। भार्गव ने कहा, ”मेरी राय यह है कि मास्क सबसे आखिरी होगा, जो हटेगा और यह भी हो सकता है कि कभी जाए ही नहीं।”
‘कोरोना के नए स्ट्रेन को जल्द अलग करने में हुए सक्षम’
ब्रिटेन में पिछले दिनों सामने आए कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के बाद पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया था। भारत में भी नए स्ट्रेन के कई मामले सामने आ चुके हैं। आईसीएमआर के डॉ. बलराम भार्गव ने भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा, ”नया वायरस वैरिएंट जो अब 60% से अधिक संक्रामक है और ब्रिटेन में कहर पैदा कर रहा है, वह चिंताजनक है। भारत में नए स्ट्रेन के 29 मरीज हैं, जिससे हमें सतर्क रहना चाहिए। हम बहुत जल्द नए वायरस को अलग करने में सक्षम हो गए हैं।” उन्होंने आगे कहा कि एनआईवी वैज्ञानिकों ने नए वायरस के स्ट्रेन को सफलतापूर्वक अलग कर दिया है और इसे विभिन्न टीकों पर परीक्षण किया जाएगा। हमें उम्मीद है कि इस स्ट्रेन में अन्य वैक्सीन के मुकाबले भारत बायोटेक से ज्यादा फायदे होंगे।
दो कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाई गई ऑक्सफोर्ड कोरोना वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक की स्वदेशी वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ के देश में इमरजेंसी इस्तेमाल को रविवार को मंजूरी मिली गई। अब जल्द ही भारत में भी टीकाकरण शुरू हो सकेगा। सीडीएससीओ की कोविड-19 संबंधी सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की अनुशंसा के आधार पर डीसीजीआई ने यह मंजूरी प्रदान की है। इससे आने वाले दिनों में भारत में कम से कम दो टीकों के जारी होने का रास्ता साफ हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी टीकों को मंजूरी मिलने का स्वागत किया है। संगठन ने कहा कि इससे इस क्षेत्र में महामारी के खिलाफ लड़ाई को तेज और मजबूत करने में मदद मिलेगी।