सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए राज्यों से कहा है कि कोरोना मरीजों के घरों के बाहर कोई भी पोस्टर नहीं लगाया जाए। कोर्ट का कहना है कि COVID19 मरीजों के घरों के बाहर, राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा उनकी पहचान को देखते हुए पोस्टर चिपकाए जाने की आवश्यकता नहीं है, जब तक कि एक सक्षम अधिकारी से कोई निर्देश न हो।

आपको बता दें कि इससे केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा था कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के घरों के बाहर से पोस्टर हटाए जाएं। कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि मरीजों के मकान के बाहर एक बार पोस्टर लग जाने पर उनके साथ समाज में अछूतों जैसा व्यवहार हो रहा है। इसके जवाब में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि कोरोना मरीजों को लेकर ऐसी कोई भी मंशा नहीं है। सरकार ने कहा था कि लोगों की सुरक्षा के लिए ये कदम उठाए गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने बीते पांच नवंबर को केंद्र सरकार से कहा था कि वह कोरोना मरीजों के मकान पर पोस्टर चिपकाने का तरीका खत्म करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने पर विचार करे। कुश कालरा की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आज राज्यों का आदेश जारी किया है। 

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