भारत के खिलाफ नफरती वीडियो में किया आतंकियों का महिमामंडन
नई दिल्ली। महात्मा गांधी के प्रिय भजन भजन ‘वैष्णव जन तो’ गाकर सुर्खियां बटोरने वाले पाकिस्तानी गायक शफकत अमानत अली का एक वीडियो में असली चेहरा सामने आ गया। इस वीडियो में शफकत आतंकवादियों का महिमामंडन करता नजर आया है।
इस वीडियो को पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने की वर्षगांठ के मौके पर नफरत फैलाने के लिए तैयार किया है। पाकिस्तानी सेना की प्रोपेगेंडा विंग ISPR ने रविवार को अली द्वारा प्रस्तुत गीत ‘लीव माय वैली’ जारी किया। घटिया ढंग से फिल्माए और संपादित किये गए इस वीडियो को यूट्यूब पर अपलोड किया गया है, साथ ही इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी इसे शेयर किया है।
वीडियो शेयर करते हुए ISPR ने लिखा है कि कश्मीर के बहादुर लोगों और स्वतंत्रता के लिए उनके अथक संघर्ष को श्रद्धांजलि। वीडियो में कश्मीर में पत्थरबाजी करते युवा, सुरक्षा बलों के साथ उनकी झड़प के साथ ही आजादी का आह्वान करते आतंकियों को दिखाया गया है। इतना ही नहीं, वीडियो में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के अंतिम संस्कार के दृश्य भी हैं, जो 2016 में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।
इस नफरती वीडियो को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाये जाने की वर्षगांठ (पांच अगस्त) से एक दिन पहले जारी किया गया है। गौर करने वाली बात यह है कि 2018 में ‘वैष्णव जन तो’ से सुर्खियां बटोरने वाली पाकिस्तानी गायक शफकत अमानत अली ने इस वीडियो को अपनी आवाज दी है। इसका यही मतलब निकलता है कि अली भी पाकिस्तानी सेना और हुकूमत की भारत के खिलाफ साजिश का हिस्सा बनना चाहता है. ऐसा तब है जब वो एक दशक से अधिक समय तक भारतीय फिल्म उद्योग से जुड़ा रह। उसको कई पुरस्कारों से नवाजा गया, जिसमें फिल्मफेयर अवार्ड भी शामिल है।
2018 में अली को भारत सरकार ने उस वीडियो का हिस्सा बनाया था, जिसमें 124 देशों के संगीतकारों ने महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन ‘वैष्णव जन तो’ को प्रस्तुत किया था। यह वीडियो राष्ट्रपिता की 150 वीं जयंती को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था। शांति, सद्भाव और समानता की सीख देने वाले भजन के बाद आतंक और आतंकियों का समर्थन करने वाला गाना न केवल शफकत अमानत अली के मानसिक पतन को दर्शाता है, बल्कि यह भी अहसास दिलाता है कि भारत में भले ही कितना भी मान-सम्मान और शौहरत मिले, लेकिन पाकिस्तानी शायद भारत विरोधी साजिशों का हिस्सा बनकर खुद को गौरांवित महसूस करते हैं। खबरों के मुताबिक, अली को इस वीडियो के लिए पाक सेना द्वारा 3.8 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।