हैदराबाद। आंध्र प्रदेश के चित्तूर में अंधविश्वास के चक्कर में पड़ कर मां-बाप ने इसलिए अपनी दो युवा बेटियों की जान ले ली कि वे सुबह जीवित हो जाएंगी। ये घटना चित्तूर जिले के मदनापल्ले कस्बे में रविवार रात को हुई। हैरानी की बात ये है कि आरोपी माता-पिता प्रिंसिपल हैं।
लड़कियों की पहचान 27 वर्षीया अलेख्या और 22 वर्षीया साई दिव्या के तौर पर हुई है। ये परिवार मदनापल्ले में शिवालयम टेम्पल स्ट्रीट पर रहता था। आरोप है कि मां ने दोनों बेटियों पर डम्बबेल से प्रहार किए।
मां पद्मजा और पिता पुरुषोत्तम नायडू दोनों प्रिसिंपल हैं। बड़ी लड़की अखेल्या ने भोपाल से एमए की डिग्री हासिल की थी।म, वहीं छोटी लड़की साई दिव्या ने बीबीए किया हुआ था । साई दिव्या मुंबई में एआर रहमान म्यूजिक स्कूल की छात्रा थी और लॉकडाउन के दौरान घर लौटी थी।
पुलिस का कहना है कि ये परिवार कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान अजीब तरीके से बर्ताव कर रहा था। पड़ोसियों ने इस घर से रविवार रात को चिल्लाने की आवाजें सुनीं तो पुलिस को इसकी जानकारी दी।
जब पुलिस ने घर के अंदर जाना चाहा तो आरोपी दंपति ने रोकने की कोशिश की। लेकिन पुलिसवाले अंदर गए तो वहां की हालत देखकर हैरान रह गए। एक लड़की की लाश पूजा रूम से मिली। दूसरी लड़की की लाश एक और कमरे से मिली। दोनों लाशें लाल कपड़े से ढकी थीं.
दोनों आरोपी पति-पत्नी इस अपराध को करने के बाद भी जरा भी तनाव में नहीं दिख रहे थे। पुलिस ने उनसे जब पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उनकी दोनों लड़कियां सूरज उगने के साथ ही जीवित हो जाएंगी क्योंकि ‘कलयुग’ खत्म हो जाएगा और सोमवार से ‘सतयुग’ शुरू हो जाएगा। पुलिस ने पति-पत्नी को हिरासत में ले लिया और दोनों लाशों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।