नई दिल्ली। चीन के साथ चल रहे तनाव को लेकर जिस तरह से देश मोदी सरकार के साथ खड़ा नजर आया वैसे ही कोरोना महामारी से जंग के मुद्दा पर भी भारतीय जनमत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सराहा।

आजतक चैनल ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को लेकर मूड ऑफ दे नेशन यानी लोगों का मिजाज जानने की कोशिश की। इस सर्वे को 19 राज्यों को शामिल किया गया जिसमें 48 फीसदी लोग मानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अच्छा काम किया जबकि 29 फीसदी लोग मानते हैं कि बहुत अच्छा काम किया।

सर्वे में 19 राज्यों को शामिल किया गया। सर्वे में 12 हजार 21 लोगों से बात की गई52% पुरुष और 48% महिलाएं शामिल रहे।
देश में आज कोरोना महामारी की संख्या 20

लाख के पार पहुंच गई है। इस बीच आजतक ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को लेकर मूड ऑफ दे नेशन यानी लोगों का मिजाज जानने की कोशिश की. इस सर्वे को 19 राज्यों को शामिल किया गया जिसमें 48 फीसदी लोग मानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई अच्छा काम किया जबकि 29 फीसदी लोग मानते हैं कि बहुत अच्छा काम किया गया।

मूड ऑफ दे नेशन सर्वे में लोगों से पूछा गया कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री मोदी ने कैसे संभाला, इस पर 48 फीसदी लोग मानते हैं कि मोदी ने अच्छा काम किया, जबकि 29 फीसदी लोग बहुत अच्छा कहते हैं. तो वहीं 18 फीसदी लोग इसे औसत मानते हैं जबकि 5 फीसदी लोग खराब करार देते हैं।

कोरोना के खिलाफ जंग में राज्य सरकार कैसे निपटीं, इस पर लोगों का कहना है कि 23 फीसदी लोगों ने बुहत अच्छा कहा तो 48 फीसदी लोगों ने अच्छा कहा. 22 फीसदी लोगों ने औसत माना.7 फीसदी लोगों ने खराब भी कहा।

इस सर्वे में लोगों से यह भी पूछा गया कि दूसरे देशों के मुकाबले देश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई कैसी रही, इसमें 43 फीसदी लोग कहते हैं कि बेहतर रही. जबकि 48 फीसदी लोगों का कहना है कि बराबर रहा तो 7 फीसदी लोगों का कहना है कि खराब रहा और 2 फीसदी लोगों ने कोई जवाब नहीं दिया।

कोरोना की वजह से लोगों से यह भी पूछा गया कि उन्हें कितना नुकसान हुआ, इस पर 22 फीसदी लोगों को बिजनेस और नौकरी का नुकसान हुआ। 63 फीसदी लोगों ने माना कि आमदनी घट गई. 15 फीसदी लोगों ने कहा कि कोई असर नहीं पड़ा. जबकि इस दौरान 1 फीसदी लोगों ने माना कि आमदनी बढ़ गई।

सर्व में यह भी पूछा गया कि सरकार का यह दावा कि क्या लॉकडाउन की वजह से लोगों की जिंदगी बचाई जा सकी, इस पर 34 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया। 38 फीसदी लोग कहते हैं कि आर्थिक रूप से दिक्कत हुई लेकिन जिंदगी बचाई जा सकी। 25 फीसदी लोग कहते हैं नहीं। 3 फीसदी लोगों ने कोई जवाब नहीं दिया.

क्या केंद्र सरकार को प्रवासी मजूदरों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की सुविधा मिलनी चाहिए तो 71 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया । 21 फीसदी लोगों ने कहा नहीं। 8 फीसदी लोगों ने कोई जवाब नहीं दिया।

97 लोकसभा क्षेत्रों में किया गया सर्वे

आजतक के लिए ये सर्वे कर्वी इनसाइट्स लिमिटेड ने किया, जिसमें 12 हजार 21 लोगों से बात की गई. इनमें से 67 फीसदी ग्रामीण जबकि शेष 33 फीसदी शहरी थे। 19 राज्यों की कुल 97 लोकसभा और 194 विधानसभा सीटों के लोग सर्वे में शामिल किए गए।

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