प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को उत्तर प्रदेश के महोबा में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले (बीपीएल) लाभार्थियों के बीच एलपीजी का कनेक्शन वितरित कर उज्ज्वला योजना के द्वितीय चरण की शुरुआत की।प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से योजना के लाभार्थियों से संवाद करते हुए कहा कि आज रक्षाबंधन से पहले ही माताओ- बहनों का आशीर्वाद मिला।
उन्होंने कहा कि आज उज्जवला योजना के दूसरे चरण में देश की लाखों माताओं-बहनों को एलपीएजी कनेक्शन तथा गैस चूल्हा मिल रहा है। उज्ज्वला योजना ने देश के जितने लोगों और महिलाओं का जीवन रोशन किया है, वो अभूतपूर्व है। योजना 2016 में उत्तर प्रदेश के बलिया से आजादी की लड़ाई के अग्रदूत मंगल पांडे की धरती से शुरू हुई थी। आज उज्ज्वला का दूसरा संस्करण भी उत्तर प्रदेश के ही महोबा की वीरभूमि से शुरू हो रहा है।
उन्होंने कहा कि देश में उज्जवला योजना की पहली योजना देश की आजादी के नायक मंगल पाण्डेय की कर्मस्थली बलिया में 2016 से शुरू की गई। आज इसका दूसरा चरण उत्तर प्रदेश की ही एक वीर भूमि महोबा से शुरू हो रहा है। आज मुझे बुंदेलखंड के महानायक मेजर ध्यान चंद को याद कर गर्व महसूस हो रहा है। दद्दा के नाम पर हमने खेल का शीर्ष पुरस्कार किया तो हमको लाखों खेल प्रेमियों की प्रतिक्रिया मिली। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत वर्ष 2016 में हुई थी और उस समय पांच करोड़ बीपीएल परिवारों की महिला सदस्यों को एलपीजी कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया था। पीएमओ ने बताया कि वर्ष 2018 में इस योजना के दायरे में दलित, आदिवासी, चाय बागान, अति पिछड़ा वर्ग सहित विभिन्न श्रेणियों की महिलाओं को शामिल किया गया था। इसके मद्देनजर आठ करोड़ महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन देने का नया लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इस लक्ष्य को 2019 में पूरा कर लिया गया था।
इस साल बजट में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत अतिरिक्त 1 करोड़ एलपीजी कनेक्शन देने की घोषणा की गई थी। पहले चरण में इस सुविधा से वंचित रह गए लोगों को द्वितीय चरण में मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है।
इस चरण में लाभार्थियों को पहली रिफिल मुफ्त में उपलब्ध कराने के साथ ही चूल्हा भी मुफ्त प्रदान किया जाएगा। पीमएओ ने बताया कि इसकी नामांकन प्रक्रिया में बहुत ही कम दस्तावेजों की जरूरत होगी और इसमें प्रवासियों के लिए राशन कार्ड या निवास प्रमाण पत्र देने की बाध्यता नहीं होगी।