याज्ञवल्लिक

सीबीआई सुशांत मामले को अंतिम अंजाम तक पहुंचाने में सफल होगी या नहीं, इसका फैसला तो आने वाला समय करेगा।लेकिन इसमे संदेह नहीं कि अभिनेता की मौत को लेकर महाराष्ट्र सरकार और खास कर शिवसेना अपनी बौखलाहट की वजह से संदेह के घेरे मे जरूर आ चुकी है। उसका शुरू से ही मुम्बई पुलिस की जांच को सही ठहराना और बिहार सरकार की इस मामले आलोचना का कोई औचित्य समझ में नहीं आ रहा था।

इतिहास मे यह पहला वाकया है जिसमे किसी मौत को लेकर सरकार की ओर से हस्तक्षेप किया जा रहा हो। मुम्बई पुलिस का अभिनेता की मौत के दो महीने बाद भी बिना एफआईआर जांच और शुरू से ही मौत को आत्महत्या मानना उसे संदेह के घेरे में ला देता है। फिर पटना से बिहार पुलिस की ओर से जांच के लिए भेजे गये आईपीएस अफसर के ठहरने का धोखा देकर पता लगाना और फिर बीएमसी के माध्यम से आधी रात को उसके हाथ में ठप्पा लगा कर क्वारंटीन करना, साबित करता है कि दाल मे कुछ काला जरूर है।

शिवसेना के बडबोले राज्यसभा सांसद संजय राउत के सुशांत के 74 वर्षीय बूढे पिता पर दूसरी शादी करने और इससे पिता-पुत्र मे विवाद होने के झूठे बयान ने तो अघाडी सरकार और शिवसेना को एकदम सै नंगा ही कर दिया।

अभी भी बस नही की । अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो के पास जाने के बाद शिव सेना ने बिहार सरकार को निशाने पर ले लिया। शिव सेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में सुशांत केस में बिहार पुलिस की जांच के अधिकार पर कई सवाल उठाए हैं। शिव सेना ने कहा है कि इस केस में बिहार पुलिस की ओर से जांच किया जाना ‘अपमानजनक’ है। शिव सेना का कहना है कि मुंबई पुलिस इस केस की जांच अच्छी तरह से कर रही है। ऐसे में इस मामले को सीबीआई के पास स्थानांतरित किया जाना ‘उचित’ नहीं था।

सुशांत सिंह राजपूत केस में बड़ा फैसला लेते हुए अंततः सुप्रीम कोर्ट ने जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि उनकी सरकार कोर्ट के फैसले का सम्मान करेगी। लेकिन मुंबई पुलिस भी इस केस की जांच सही दिशा में कर रही है ऐसे में उसे भी जांच की इजाजत मिलनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुशांत मौत मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के बाद अनिल देशमुख और शिव सेना की ओर से मुंबई पुलिस का जिस तरह से बचाव किया जा रहा है उसके बाद ये अटकलें तेज हो गई हैं कि मुंबई पुलिस भी सीबीआई के सामानांतर अपनी जांच जारी रख सकती है।

शीर्ष अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए मुंबई पुलिस को सुशांत केस की जांच से जुड़े सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंपने और उसका सहयोग करने  का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि मामले की जांच में यदि और प्राथमिकी दर्ज करने की जरूरत पड़ती है तो उसकी भी जांच केंद्रीय जांच एजेंसी करेगी।। महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट में सीबीआई जांच का यह कहते हुए विरोध किया कि मुंबई पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

सारे घटनाक्रम के मद्देनजर यह स्पष्ट प्रतीत
हो रहा है कि अभिनेता की मौत के पीछे राज गहरा है। सुशांत की पूर्व मैनेजर दिशा सलियान की नग्नावस्था में अपार्टमेंट से गिर कर हुई मौत के भी तार अभिनेता की मौत से जुडे लगते है।

सीबीआई की एक टीम दिल्ली से आज मुम्बई के लिए प्रस्थान करने जा रही है। उसे भी जांच में काफी अडचने आने जा रही है, इसका संकेत बीएमसी के आज के इस फरमान से लग गया जिसमें कहा गया है कि सीबीआई को मुम्बई में सात दिन से ज्यादा ठहरने के लिए अनुमति लेनी होगी। बहरहाल देखना है कि जांच कैसे होती है और कब तक होती है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शंका जता दी है आज इस ट्वीट से कि कहीं इस जांच का भी हश्र दाभोलकर जैसा न हो।