नई दिल्ली, 14 सितंबर । भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने कृषि और इससे सम्बद्ध क्षेत्रों में राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के सामने आने वाले मुद्दों एवं चुनौतियों की समीक्षा करने के लिए आयोजित एक वृहद बैठक में कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, लक्षद्वीप व पुदुचेरी ने शिरकत की।

आईसीएआर की क्षेत्रीय समिति की इस बैठक का शुभारंभ मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि सरकार का ध्यान किसानों की आय बढ़ाने तथा संपूर्ण कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाने पर है। इसके लिए कृषि व सम्बद्ध क्षेत्र को आत्मनिर्भर भारत अभियान में डेढ़ लाख करोड़ रू से अधिक के पैकेज दिए गए हैं।

केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने देश के किसानों को अधिक लाभ पहुंचाने वाले कार्यक्रमों, किस्मों, नस्लों व प्रथाओं की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसानों की आय दोगुनी करना, उच्च मूल्य वाली फसलें उगाना, राज्यों के सहयोग से चुनौतियों एवं मुद्दों का समाधान करना कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के उत्पादन तथा उत्पादकता में सुधार लाना आज के समय की माँग है । इस संबंध में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने गैप्स की पहचान करते हुए इन्हें पाटने के लिए लक्ष्य तय किए हैं और इनके अनुरूप राज्यों के सहयोग से केंद्र द्वारा तेजी से चौतरफा कार्य किए जा रहे हैं। आयात पर निर्भरता कम करने के लिए दलहन-तिलहन-आयल पाम मिशन पर भी सरकार प्रमुखता से कार्य कर रही है। उन्होंने कृषि- सम्बद्ध क्षेत्र विक‍सित करने में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए आईसीएआर की सराहना की।

मछुआरों कै लिए कार्यविधि तैयार करने की जरूरत – रूपाला

विशिष्ट अतिथि केंद्रीय मात्स्यिकी, पशुपालन व डेयरी मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला ने कहा कि मछुआरों और पशुपालन श्रमिकों, विशेष रूप से जिनके पास मछली पकड़ने के उपकरण और भूमि के स्वामित्व की कमी है, उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड के लाभ की जरूरत है, इस संबंध में कार्यविधि तैयार करने की जरूरत है।

खाद्य ल पोषण सुरक्षा की जरूरत – कैलाश चौधरी

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी ने देश में खाद्य पर्याप्तता हासिल करने में आईसीएआर की भूमिका पर प्रकाश डाला और जनसंख्या वृद्धि को ध्यान में रखते हुए खाद्य व पोषण सुरक्षा की आवश्यकता बताई।

डेयरी के सचिव व आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र ने बैठक के संबंध में जानकारी दी। नोडल अधिकारी डा. जे.के. जैना ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर प्रौद्योगिकियों, पुस्तकों व अन्य प्रकाशनों का विमोचन किया गया।
उद्घाटन सत्र के बाद राज्य और केंद्र शासित प्रदेशवार चर्चा के दौरान, कृषि और सम्बद्ध विभागों के सचिवों और निदेशकों ने क्षेत्रीय मुद्दे बताए, जिन पर राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के संबंधित कुलपतियों व संबंधित क्षेत्र के आईसीएआर संस्थानों के निदेशकों द्वारा चर्चा की गई।

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