करीब 22 माह बाद पंजाब के रोपड़ जेल से बांदा जेल के बैरक नंबर 16 में पहुंचे माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की पहली रात बड़ी ही बेचैनी से कटी। जेल सूत्रों के मुताबिक डॉन आधी रात तक सो नहीं पाया। पूरी रात वह करवटें बदलता रहा। मुख़्तार को जेल में कोई वीआईपी सुविधा नहीं मिली। आम कैदियों की तरह ही उसका बिस्तर जमीन पर लगा, जहां उसे नींद नहीं आई। इतना ही खाने में भी उसने सिर्फ एक रोटी और थोड़ी सी दाल खायी।

गौरतलब है कि बुधवार तड़के करीब साढ़े चार बजे बांदा पुलिस कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बांदा जेल लेकर पहुंची। सारी औपचारिकताएं और कोविड टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उसे फिर उसके पुराने बैरक नंबर 15 में शिफ्ट कर दिया गया। वैसे तो मुख़्तार बांदा जेल में बंद है, लेकिन उसकी निगरानी  लखनऊ में हो रही है। अत्याधुनिक कैमरों की सहायता से मुख़्तार अंसारी की सुरक्षा की जा रही है। इसके लिए लखनऊ में कमांड कण्ट्रोल सेंटर बना है। इतना ही नहीं उसके स्वास्थ्य को लेकर भी पूरी व्यवस्था की गई है। जेल के डॉक्टर के अलावा मेडिकल कॉलेज के चार डॉक्टर ऑन कॉल 24 घंटे उपलब्ध हैं।

पंजाब मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट की खुली पोल 

बांदा जेल पहुंचते ही मुख़्तार अंसारी पूरी तरह से स्वस्थ नजर आया। पंजाब में व्हीलचेयर पर नजर आने वाला डॉन बांदा जेल में खुद के पैरों पर चलता नजर आया। इतना ही नहीं पंजाब मेडिकल बोर्ड की उस रिपोर्ट की भी पोल खुल गई जिसमें उसे 9-9 गंभीर बिमारियों से ग्रस्त बताया गया था। डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज बांदा के डॉक्टरों द्वारा उसका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। डॉक्टरों की जांच रिपोर्ट में वह पूरी तरह स्वस्थ्य मिला, उसे किसी तरह की कोई समस्या नहीं है।

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