विशेष संवाददाता
कोरोना वायरस के तेजी से फैलते संक्रमण के बीच फेक खबरें को बाजार भी गर्म है। इस कड़ी में द वायर ने फेक न्यूज प्रकाशित कर अपने सिर आफत मोल ले ली है। यूपी की योगी सरकार ने द वायर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए FIR दर्ज कराई है।
सरकार विरोधी समझे जाने वाले DIGITALMEDIA डिजिटल मीडिया के पोर्टल द वायर के संस्थापक-संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के खिलाफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ फर्जी खबरें फैला कर उनको लपेटना के चक्कर मे खुद ही लपेटे में आ गये। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसके मुताबिक वरदराजन ने तब्लीगी जमात के काले कारनामों को सफेद करने की बोली में यूपी के सीएम को गलत उद्धरित किया था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने बताया कि राज्य सरकार की चेतावनी के बावजूद वरदराजन ने न तो गलत लेख को हटाया और न ही इसके लिए माफी मांगी। प्राथमिकी दर्ज की गई है और पहले की तरह कार्रवाई की गई है। अगर आप भी योगी सरकार के बारे में झूठ फैलाने के की सोच रहे है तो कृपया ऐसे ख़्याल दिमाग़ से निकाल दें।’
मृत्युंजय कुमार ने लिखा, ‘झूठ फैलाने का प्रयास न करे, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कभी ऐसी कोई बात नहीं कही है। इसे फ़ौरन डिलीट करे अन्यथा इस पर कार्यवाही की जाएगी तथा डिफ़ेमेशन यानी मानहानि का केस भी लगाया जाएगा। वेबसाईट के साथ-साथ केस लड़ने के लिए भी डोनेशन DONATION दान माँगना पड़ जाएगा।
स्मरणीय है कि 31 मार्च 2020 को 12:45 बजे पर द वायर के संस्थापक-संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने एक लिंक ट्वीट कर दावा किया कि दिल्ली के नेहरू स्टेडियम को संगरोध सुविधा में परिवर्तित किया जाएगा। इसे साझा करते हुए वरदराजन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक उद्धरण को जिम्मेदार ठहराया। वरदराजन ने दावा किया कि जिस दिन तब्लीगी जमात का आयोजन हो हुआ था तभी आदित्यनाथ ने 25 मार्च से 2 अप्रैल तक अयोध्या में आयोजित एक बड़े राम नवमी के मेले को हमेशा की तरह आगे बढ़ाया और कहा कि भगवान राम भक्तों की कोरोना वायरस से रक्षा करेंगे।”यह सरासर झूठी खबर थी ।जबकि इसके विपरीत योगी जी ने पहले साधु संतों से अयोध्या न आने की अपील की थी। बाद मे श्रद्धालुओं से भी रामनवमी घर पर ही मनाने का आग्रह किया था। लेकिन कांग्रेस समर्थक द वायर ये समाचार नजर नहीं आए।