फायरिंग की लगातार तीन घटनाओं के मद्देनजर बढ़ायी गयी सुरक्षा
शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न कराने के लिए हुई फ़ोर्स की तैनाती
विशेष संवाददाता
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के ख़िलाफ़ दिल्ली के शाहीन बाग़ में पिछले 52 दिनों से जारी लोगों का धरना प्रदर्शन शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में शाहीन बाग़ व इसके आसपास के इलाकों तथा जामिया यूनिवर्सिटी के गेट पर हुई फायरिंग की घटनाओं के बाद शाहीन बाग में अब सुरक्षा और सख़्त कर दी गई है।
इसी क्रम में सोमवार को शाम से इलाके में रैपिड ऐक्शन फोर्स को तैनात कर दिया गया है। साथ ही बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के जवान भी शाहीन बाग पहुंच गये हैं।
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकार जब तक सीएए और एनआरसी वापस नहीं लेती, तब तक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। पिछले दिनों यहां हुई फ़ायरिंग की घटनाओं के सिलसिले में पुलिस ने फायरिंग करने वालों को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है।
करीब डेढ़ महीने से चुप्पी साधे पुलिस आयुक्त पटनायक ने अब जाकर मुंह खोला कि ‘जो लड़का शाहीनबाग़ में फायरिंग करने आया था, उसमें कुछ और कर पाने की हिम्मत नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘एक दो घटनाएं घटी हैं, जो अलग हैं। पुलिस ने शाहीनबाग में धरना स्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किये हैं।’
दंगे के दौरान इस्तेमाल होने वाली मशीनरी भी तैनात
शाहीन बाग़ में बीएसएफ और आरएएफ़ के साथ ही दंगे के समय इस्तेमाल होने वाली मशीनरी को भी तैनात किया गया है। इसके अलावा अब पुलिस ने वहां मेटल डिटेक्टर भी लगा दिया है। जामिया और शाहीन बाग़ में पिछले 4 दिनों में हुई तीन फायरिंग की घटनाओं ने देश की संसद को भी हिला दिया था।
इसे लेकर पक्ष-विपक्ष में काफ़ी तीखी बहस हुई। नतीजतन दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर, जॉइंट कमिश्नर और कई अधिकारी जामिया और फिर शाहीनबाग़ प्रदर्शन स्थल के आसपास की सुरक्षा व्यवस्था का मुआयना करने पहुंचे। इसके बाद प्रदर्शन वाली जगहों के आसपास सुरक्षा और ज्यादा बढ़ा दी गयी। दोनों तरफ मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। सबकी तलाशी ली जा रही है।