नई दिल्ली | संसद की निर्माणाधीन पूर्ण स्वदेशी इमारत में सभी राज्यों की सांस्कृतिक झलक नजर आएगी। निर्माण एजेंसी टाटा सभी राज्यों के शिल्पकारों, कलाकारों से संपर्क कर राज्यों की संस्कृति से जुड़ी विविधता को संसद भवन के बाहर और अंदर प्रदर्शित करने का प्रयास करेगी। पूरी डिजाइन इस तरह की है कि संसद भवन देखने आए व्यक्ति को समग्र भारत की तस्वीर नजर आए। इसमे गंगा-जमुनी छटा भी होगी तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक बिखरे विविध रंग। पूर्वोत्तर की विशेष संस्कृति यहां दिखेगी, वहीं आदिवासी संस्कृति का संगम भी यहां नजर आएगा।

उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, बिहार से लेकर देश के कोने-कोने की सांस्कृतिक विविधता संसद भवन में नजर आएगी। निर्माण एजेंसी को स्पष्ट रूप से बताया गया है कि यह इमारत उत्कृष्ट डिजाइन, अत्याधुनिक सुविधाओं और पर्यावरणीय जरूरतो के साथ भारत की ‘विविधता में एकता’ की अमर संस्कृति की जीवंत गवाह होनी चाहिए। सूत्रों ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने शनिवार को कहा था कि लोकतंत्र का मंदिर ऐसा होगा कि पूरी दुनिया से लोग इसे देखकर सीखें।

औसूत्रों ने कहा निर्माण एजेंसी काम शुरू होने के बाद ये सुनिश्चित करेगी कि विभिन्न राज्यों की संस्कृति को कहीं इंटीरियर और कहीं पर वाह्य बिल्डिंग की डिजाइन में दर्शाया जाएगा। निर्माण से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि कोशिश होगी कि हर राज्य का कुछ न कुछ विशेष पुट यहां पर दिखे।

नए भवन के निर्माण के उपरांत यह भी प्रयास किया जा रहा है कि मूल संसद भवन की दृश्यता में कोई अधिक अंतर न आए। संसद परिसर में स्थित सभी प्रतिमाओं को भी गरिमा एवं प्रतिष्ठा के साथ पुनः स्थापित किया जाएगा। नए भवन के निर्माण कार्य को समय पर पूरा करने और इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए लोकसभा सचिवालय, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के प्रतिनिधियों तथा सभी हितधारकों की एक निगरानी समिति का गठन किया जा रहा है।

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