अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) जैसे अनमोल विचार देने वाले भगवान महामीर की जयंती आज मनाई जा रही है। कोरोना महामारी की वजह से इस बार बड़े आयोजन तो नहीं हो पा रहे, जिस वजह से उनके अनुयायी घरों में रहकर भगवान को याद कर रहे हैं। भगवान महावीर जैन धर्म के अंतिम आध्यात्मिक गुरु थे। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार महावीर जयंती मार्च या अप्रैल के महीने में मनाई जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने भी ट्वीट कर भगवान महावीर से सभी के स्वस्थ रहने की प्रार्थना की है।
पीएम मोदी ने लिखा कि भगवान महावीर का जीवन संदेश हमें शांति और आत्मसंयम की सीख देता है। जब हम सभी देशवासी मिलकर कोरोना के इस संकट का मुकाबला कर रहे हैं, ऐसे समय में महावीर जयंती पर मेरी भगवान महावीर से प्रार्थना है कि सभी को स्वस्थ रखें और हमारे प्रयासों को सफलता का आशीर्वाद दें। वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लिखा कि सभी देशवासियों, विशेषकर जैन समुदाय को महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान महावीर ने ‘अहिंसा परमो धर्म:’ तथा ‘जियो और जीने दो’ के आदर्शों के माध्यम से मानवता को नई राह दिखाई। आइए, हम सब उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करें व सामूहिक अनुशासन के बल पर कोविड-19 को हराने का संकल्प लें। वहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी सभी को महावीर जयंती की शुभकामनाएं दी हैं।
बिहार की वैशाली है जन्मस्थली
भगवान महावीर स्वामी का जन्म चैत्र मास के 13वें दिन यानी तेरस को बिहार के कुंडग्राम/कुंडलपुर वैशाली में हुआ था। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर को वर्धमान नाम से पहले पहचाना जाता था। भगवान महावीर का जन्म 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व राजा सिद्धार्थ और रानी त्रिशला के यहां हुआ। बचपन से ही भगवान महावीर का मन ध्यान और धर्म में बहुत लगता था। 30 वर्ष की आयु में उन्होंने सांसरिक मोह त्याग कर आध्यात्मिक मार्ग अपनाते हुए अपना राज्य, सिंहासन सब कुछ त्याग दिया था।