सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये राष्ट्रीय माप-विद्या सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में ‘राष्ट्र की सम्पूर्ण उन्नति के लिए माप-विद्या’ विषयक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत में इंडस्ट्री और इंस्टिट्यूशन के बीच समन्वय को मजबूत किया जा रहा है। दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत में अपने रिसर्च सेंटर औऱ फैसिलिटीज स्थापित कर रही हैं। बीते वर्षों में इनh फैसिलिटीज की संख्या भी बढ़ी है। इसे और अधिक प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत दुनिया के उन देशों में है जिनके पास अपने नेविगेशन सिस्टम है। आज इसी ओर एक और कदम बढ़ा है। आज जिस भारतीय निर्देशक का लोकार्पण किया गया है। ये हमारे उद्योग जगत को क्वालिटी प्रोडक्ट्स बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। ध्यान रहे हमारे उत्पादों की गुणवत्ता जितनी बेहतर होगी, देश की अर्थव्यवस्था उतनी ही सशक्त होगी।
प्रस्तुत हैं पीएम मोदी के संबोधन के प्रमुख अंश –
• नए दशक में यह शुभारंभ देश का गौरव बढ़ाने वाला है। भारत के वैज्ञानिकों ने दो कोविड वैक्सीन निर्मित करने में सफलता प्राप्त की है।
• हमारे युवा आज CSIR जैसे संस्थानों के विषय में जानना चाह रहे हैं, इसीलिए मैं चाहूंगा CSIR के वैज्ञानिक, देश के युवाओं से अपने अनुभव साझा करें। इससे देश में युवा वैज्ञानिकों की नई पीढ़ी तैयार करने में सहायता मिलेगी।
• भारत वर्ष 2022 में अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर रहा है, वहीं वर्ष 2047 में आजादी के सौ साल पूरे हो जाएंगे। ऐसे में आत्मनिर्भर भारत के नए मानक गढ़ने हेतु कार्य करना होगा।
• वैज्ञानिकों ने वैक्सीन को विकसित करने के लिए दिन-रात एक कर दिया। आप के समर्पण से देश में विज्ञान संस्थानों के प्रति सम्मान का भाव बढ़ा है।
• हमें यह सुनिश्चित करना है कि भारत में बने उत्पादों की गुणवत्ता श्रेष्ठ हो और उनकी वैश्विक स्वीकार्यता हो।
• इन नए मानकों से देश भर के जिलों के स्थानीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में सहायता मिलेगी।
• भारत में दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्सीन प्रोग्राम शुरू होने जा रहा है. इसके लिए देश को अपने वैज्ञानिकों के योगदान पर बहुत गर्व है।
• हमारे उत्पादों की गुणवत्ता जितनी बेहतर होगी, देश की अर्थव्यवस्था उतनी ही सशक्त होगी।
• आज भारत दुनिया के उन देशों में है जिनके पास अपने नेविगेशन सिस्टम है। आज इसी ओर एक और कदम बढ़ा है। आज जिस भारतीय निर्देशक का लोकार्पण किया गया है। ये हमारे उद्योग जगत को क्वालिटी प्रोडक्ट्स बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
• आज का भारत पर्यावरण की दिशा में दुनिया का नेतृत्व करने की ओर बढ़ रहा है।
• किसी भी प्रगतिशील समाज में अनुसंधान हमारे ज्ञान और समझ को विस्तार देने में सहायता प्रदान करता है।
• Air quality और emission को मापने की तकनीक से लेकर टूल्स तक हम दूसरों पर निर्भर रहे हैं। आज इसमें भी आत्मनिर्भरता के लिए हमने बड़ा कदम उठाया है।
• ड्रोन पहले युद्ध के लिए बनाए गए थे पर आज उसका विविध क्षेत्रों में व्यापक उपयोग हो रहा है। आज आवश्यकता है कि युवा वैज्ञानिक, शोध परिणामों के अतिरिक्त उसके अन्य उपायों की संभावनाएं भी तलाशें।
• आज भारत वैश्विक नवाचार सूचकांक के शीर्ष 50 देशों में शामिल हो गया है।
• बौद्धिक संपदा का संरक्षण कैसे हो, युवाओं को यह भी सिखाना है।
• कर्मण्येवाधिकारस्ते का मंत्र वैज्ञानिकों ने स्वयं के जीवन में साकार किया है। भारतीय वैज्ञानिक 130 करोड़ भारतीयों की आशाओं की पूर्ति के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं।
• आज भारत में इंडस्ट्री और इंस्टिट्यूशन के बीच collaboration को मजबूत किया जा रहा है। दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत में अपने रिसर्च सेंटर औऱ फैसिलिटीज स्थापित कर रही हैं। बीते वर्षों में इन फैसिलिटीज की संख्या भी बढ़ी है।
राष्ट्रीय मैप-विद्या सम्मेलन का आयोजन वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीइसआईआर) व राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला नई दिल्ली ने किया था। पीएम मोदी ने ‘राष्ट्रीय अणु समय मैप-क्रम’ व ‘भारतीय निर्देशक द्रव्य’ भी राष्ट्र को समर्पित किया। इसके साथ प्रधानमंत्री ने ‘राष्ट्रीय मानक पर्यावरण प्रयोगशाला’ की आधारशिला भी रखी। कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी उपस्थित रहे।