हरीश शर्मा

मुकेश की ओर से वकीलों ने कई तरह के हथकण्डे अपनाए ओर मंगलवार को जिरह के दौरान तरह-तरह के तर्क रखे। याचिका में भी कई मुद्दों को उठाया था लेकिन कोर्ट ने सारी बातों को खारिज करते हुए फैसला सुनाया।

मुकेश की ओर से दया की याचिका में उसके साथ जेल में मारपीट के साथ ही अप्राकृतिक यौन सम्बन्ध बनाने का भी मुद्दा रखा गया। जिसे अदालत ने कोई आधार नहीं माना।

मुकेश की वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि कैदी का जेल में यौन शोषण भी हुआ था। मुकेश की वकील ने उसकी तरफ से कहा कि अदालत ने मुझे मौत की सजा दी थी… पर क्या मेरा रेप होने की भी सजा दी थी? वकील ने कोर्ट को बताया कि जेल में जब सब देख रहे थे तब मुकेश का अपमान किया गया। उसे पहले दिन से ही बुरी तरह पीटा गया। अक्षय के साथ सबके सामने शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया। इस दौरान जेल प्रशासन सारी चीजें सिर्फ देखता रहा।मुकेश के वकील ने उसकी तरफ से आगे कहा कि उसके एक सह कैदी की हत्या कर दी गई। मैं पिछले पांच साल से सो नहीं पाया हूं। जब मैं सोने की कोशिश करता हूं तो मुझे मरने और पीटे जाने के सपने आते हैं।

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में चली जिरह के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने मुकेश द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोप पर कहा कि उसका यौन शोषण हुआ या फिर जेल में उसके साथ बुरा बर्ताव हुआ यह बात दया पाने के लिए कोई वजह नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि अगर यह मान भी लिया जाए कि दोषी के साथ जेल में बुरा बर्ताव हुआ था तो यह दया पाने का आधार नहीं हो सकता और निर्भया गैंगरेप की भयावह डिटेल प्रस्तुत कर दी कहा कि यह कोई लक्जरी क्षेत्राधिकार नहीं है कि हालांकि मैं इस जघन्य अपराध का दोषी हूं, फिर भी मेरे साथ बुरा व्यवहार किया गया था, मुझे दया दी जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जो कुछ भी दोषी ने प्रताडना के बारे मे कहा, तो इन सबकी उसने जेलर से शिकायत क्यों नहीं दर्ज करायी ?

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