वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत परिवार की रजत मूर्तियों की महंत आवास पर वापसी के संबंध में मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल की ओर से दिए गए आश्वासन के बावजूद मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन के अधिकारी अपने वादे पर अमल नहीं कर रहे हैं। यदि ऐसी ही स्थिति बनी रही तो मुझे पूर्व घोषणा के अनुसार पुन: अनशन करना पड़ेगा।
यह चेतावनी काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डा. कुलपति तिवारी ने शनिवार को जारी विज्ञप्ति में दी है। उन्होंने कहा कि 31 जनवरी को मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल स्वयं मेंरे आवास पर आए थे और यह भरोसा दिलाया था कि दस से 15 दिन के भीतर इस प्रकरण का समाधान खोज लिया जाएगा। उनके आश्वासन पर मैंने अपना अनशन स्थगति कर दिया था। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया था कि यदि तय समयावधि के भीतर समाधान नहीं हुआ तो मैं पुन: अनशन करने के लिए बाध्य होऊंगा। अगले चार दिनों तक जिला प्रशासन और मंदिर प्रबंधन की ओर से कोई सुगबुगाहट न मिलने पर मैंने पांच फरवरी को मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को पत्र भेज कर पुन: अनशन के लिए बाध्य होने की सूचना दे दी थी। उससे पूर्व 23 जनवरी को इस संबंध में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से लेकर मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी तक को पत्र प्रेषित कर अपने स्वामित्व वाली रजत मूर्तियों को पुन: महंत आवास पहुंचाने की व्यवस्था करने का अनुरोध किया था ताकि महंत परिवार द्वारा साढ़े तीन सौ साल से भी अधिक समय से निर्वाह की जाने वाली धार्मिक परंपराओं का पालन सहज रूप से किया जा सके। उन्होंने कहा कि दस दिन से अधिक समय बीत जाने के बाद मैंने पुन: 13 फरवरी को एक पत्र मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को प्रेषित किया है। इसके साथ ही 31 जनवरी से अब तक हुए घटनाक्रम की जानकारी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भी पंजीकृत डाक से प्रेषित की है।