कोलकाता । नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) की एक अदालत ने बुधवार को प्रतिबंधित जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश के ऑपरेटिव कौसर को 29 साल जेल की सजा सुनाई। 2014 में बंगाल के पूर्वी बर्दवान जिले में एक किराये के घर में बम विस्फोट के मामले में उसे यह सजा दी गई है।

NIA और पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में उसे अगस्त 2018 में बेंगलुरु के गेस्ट हाउस से गिरफ्तार किया गया। चार्जशीट में 31 लोगों के नाम थे और इनमें से अधिकतर दोषी पाए गए। 31 साल का कौसर 2018 में बोधगया विस्फोट में भी आरोपी है। वह एक अन्य मामले में भी आरोपी है जिसकी जांच कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स कर रही है।

2 अक्टूबर 2014 को जब बंगाल में दुर्गा पूजा का उत्सव चल रहा था, एक आईईडी धमाके में दो लोगों की मौत हो गई। जांच में बांग्लादेशी आतंकवादी संगठन का नाम सामने आया। NIA ने जांच अपने हाथ में ली और मार्च 2015 में पहली चार्जशीट दायर की। NIA ने उस साल एक बयान में कहा, ”किराए पर यह घर JMB के सदस्यों ने बुर्का सिलाई के नाम पर लिया था, जबकि यहां बम बनाए जा रहे थे।”

जांच के दौरान यहां से बड़ी संख्या में IED, विस्फोटक, हैंड ग्रेनेड और ट्रेनिंग वीडियो बरामद हुए थे और इसने बंगाल के जिलों में स्लीपर सेल की ओर इशारा किया। अगस्त 2019 में स्पेशल एनआईए कोर्ट ने 19 लोगों को दोषी ठहाराय था, जिसमें 4 बांग्लादेशी शामिल हैं। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने JMB और इसके सहयोगी संगठनों को मई 2019 में बैन किया था।

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