नई दिल्ली ( एजेंसी) । राजस्थान विधानसभाध्यक्ष सीपी जोशी ने कांग्रेस के 19 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के नोटिस मामले में बुधवार को उनकी विशेष अनुमति याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया।

सी पी जोशी की दलील थी, ” ‘हम संवैधानिक संकट की ओर बढ़ें इससे पहले मैंने यह उचित समझा कि याचिका दायर की जाए।’ जोशी ने कहा, ‘मैं आशा करता हूं कि कोरोना वायरस संक्रमण के बाजवूद इस संवैधानिक संकट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट इस याचिका का संज्ञान लेगा। ताकि यह सुनिश्चित हो कि एक अथॉरिटी अपनी भूमिकाओं का निर्वहन संवैधानिक व्यवस्था के तहत कर सके।’

बुधवार को सुबह जब स्पीकर के वकील कपिल सिब्बल ने आज ही इस मामले की सुनवाई किए जाने की अपील की तो चीफ जस्टिस ने इससे इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि आप इसे रजिस्ट्रार के सामने मेंशन करें, वो ही बताएंगे। चीफ जस्टिस ने कहा कि रजिस्ट्री से ही पता लगेगा कि मामला कब सूचीबद्ध होगा

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए जारी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए जोशी ने सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को नोटिस जारी किया था। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 बागी विधायकों ने अपने खिलाफ अयोग्यता नोटिस को राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

हाई कोर्ट ने मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष से कांग्रेस के बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता नोटिस पर कार्रवाई 24 जुलाई तक टालने का आग्रह किया। इस पर जोशी ने नोटिस पर कार्यवाही 24 जुलाई की शाम तक स्थगित रखने का फैसला किया है। विधायकों को नोटिस के बारे में जोशी ने कहा कि इन विधायकों को केवल कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं कोई फैसला नहीं हुआ है। विधानसभाध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में हाई कोर्ट को जो भी फैसला आया है उसका उन्होंने पालन किया है।

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