राजस्थान के पाली जिले के समदड़ी थाना क्षेत्र के मांडीगढ़ गांव में दिल को झकझोर देने वाला एक मामला सामने आया है। यहां पर एक लड़की को प्रेम विवाह की ऐसी सजा मिली कि उसकी मौत के बांद अंतिम संस्कार के लिए समाज के लोग नहीं पहुंचे। ऐसे में तीन दिन तक शव घर पर ही पड़ा रहा। जब समाज के लोग नहीं आए तो आखिरकार पुलिस ने अन्य ग्रामीणों की मदद से शव का अंतिम संस्कार कराया है।

पुलिस के अनुसार, मांडीगढ़ निवासी भंवरलाल भील ने साल 2015 में आबूरोड निवासी मधु भील से प्रेम विवाह किया था। इसके बाद प्रेम विवाह से नाराज होकर समाज के लोगों ने दोनों को बहिष्कृत कर दिया। समाज के डर से दोनों केरल चले गए और वहीं रहने लगे। उनके चार बच्चे भी हो गए। कुछ समय पहले वे पाली आ गए। पिछले कुछ दिनों से मृतकका मधु बीमार थी। ऐसे में उसका पति इलाज के पाली के बांगड़ अस्पताल में ले गया। जहां इलाज के दौरान शुक्रवार को मधु ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।

मनाता रहा…लेकिन कोई नहीं माना

शनिवार सुबह भंवरलाल पत्नी का शव मांडीगढ़ ले आया। समाज से बहिष्कृत होने के कारण परिवार के अन्य लोग व समाज के लोग अंतिम संस्कार के लिए नहीं आए। इस कारण शव पड़ा रहा। भंवरलाल बार-बार समाज के लोगों को मनाता रहा, लेकिन कोई नहीं आया। अकेला होने के कारण वह अंतिम संस्कार नहीं कर पाया।

जेसीबी से गड्ढा खोदकर कराया अंतिम संस्कार

आखिरकार सोमवार को सुबह मृतका का शव घर में ही छोड़कर भंवरलाल पुलिस थाने पहुंचा और शव के अंतिम संस्कार के लिए मदद मांगी। इस पर पुलिसकर्मियोें ने पूर्व सरपंच, कुछ समाजसेवी और ग्रामीणों की मदद ली और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की। ऐसे में जेसीबी से गड्ढा खोदकर शव का अंतिम संस्कार करवाया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here