दिल्ली पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर ने अस्पताल ले जाने के दौरान एम्बुलेंस में आत्महत्या कर ली। अधिकारियों ने बताया कि मृतक की पहचान राजबीर सिंह (39) के रूप में की गई है। वह दक्षिण पूर्वी जिला लाइन में तैनात थे और मानसिक रूप से अस्वस्थ थे।

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पूर्व) आर.पी. मीणा ने बताया कि एम्बुलेंस में कपड़े से फंदा लगाकर राजबीर सिंह के आत्महत्या करने की सूचना मिली। घटना के दौरान सिंह को घर से अस्पताल ले जाया जा रहा था। वह पांच दिन से छुट्टी पर थे और शुक्रवार को जिला लाइन में अनुपस्थित पाए गए थे।

पुलिस के अनुसार, सब-इंस्पेक्टर ने अपने आवास पर कैट्स एम्बुलेंस को बुलाया और दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया।

इसके बाद, एक अन्य एम्बुलेंस उन्हें इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड एलायड साइंसेज (आईएचबीएएस) अस्पताल में लेकर गई, लेकिन सहायकों की अनुपस्थिति के कारण डॉक्टरों ने उन्हें वहां भी भर्ती करने से मना कर दिया। पुलिस ने बताया कि इसके बाद उसी एम्बुलेंस से उन्हें गुरु तेग बहादुर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने एम्बुलेंस प्रभारी से पर्ची तैयार करने के लिए कहा।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब उन्हें दोबारा आईएचबीएएस जाने के लिए जोर दिया गया तो उस दौरान राजबीर सिंह आक्रामक हो गए और अस्पताल परिसर में भागने लगे। उन्होंने बताया कि एम्बुलेंस प्रभारी ने सिंह को शांत करने की कोशिश की।

पुलिस ने बताया कि इसके बाद जब वे लोग दोबारा आईएचबीएएस जाने लगे तो उन्होंने एम्बुलेंस के अंदर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि मामले में जांच शुरू कर दी गई है और उसी के अनुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी। राजबीर सिंह हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के रहने वाले थे और परिवार के साथ द्वारका में रहते थे। 

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