नई दिल्ली। आज से देशभर में शुरू हो रहे टीकाकरण के जो लाभार्थी बनने वाले हैं, उनके लिए अपनी दिनचर्या पर ध्यान देना सबसे जरूरी है ताकि उन्हें लगने वाला टीका बेहतर असर दिखा सके। वैज्ञानिक अध्ययन यह साबित कर चुके हैं कि अगर ऐसे लोग तनावमुक्त रहकर स्वस्थ दिनचर्या का पालन करेंगे, शराब जैसे नशे से दूर रहेंगे तो टीका उन पर शत-प्रतिशत असर कर सकता है।
शराब से घट सकता है असर
कोरोना का टीका लेने के बाद शराब पीने की आदत वैक्सीन को बेअसर कर सकती है। रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय के गमालिया इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के प्रमुख एलेक्जेंडर गिन्ट्सबर्ग के अनुसार, शराब हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) को कम कर देती है। टीका लेने के बाद लोग अगर शराब का सेवन करेंगे तो इससे टीके का प्रभाव कम हो सकता है। साथ ही टीके का प्रभाव खत्म होने की भी आशंका है। ऐसे में टीका लेने के कम से कम दो महीने तक लोग शराब न पिएं। कंज्यूमर सेफ्टी वॉचडॉग की प्रमुख अन्ना पोपोवा ने कहा, कोविड19 स्ट्रेन को खत्म करने और अपने स्वास्थ्य के लिए शराब बिल्कुल न पियें। यह हम सभी का भविष्य सुरक्षित करेगा।
सकारात्मक रहिए
सकारात्मक रवैया आपके शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाता है। क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के एक शोध में यह दावा किया गया है, यह शोध साइकोलॉजी एंड एजिंग में प्रकाशित हुआ। शोध में बताया गया कि जो बुजुर्ग अपने आसपास सकारात्मक सूचनाओं या व्यवहार पर ज्यादा ध्यान लगाते हैं, वे लंबा जीते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि टीका लगने के बाद शरीर सामान्य रूप से काम करे इसके लिए जरूरी है कि लोग टीके से जुड़ी अफवाहों से दूर रहें। खुद को तथ्यात्मक सूचनाओं से अपडेट रखें और विश्वास करें।
यात्रा न करना बेहतर
टीका लगवाने के बाद अगर कोई यह सोचकर यात्रा की योजना बना रहा है कि अब उस पर वायरस का हमला नहीं हो सकता तो उसे सतर्क हो जाना चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि टीका लगवाने वालों को याद रखना होगा कि कोई भी कोरोना वैक्सीन शत-प्रतिशत असरदार नहीं है। ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की बनायी जिस कोरोना वैक्सीन का निर्माण भारत के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया है, वह लगभग 70 प्रतिशत असरदार है। पिछले साल ब्रिटिश प्रयोगशाला की अंतरिम जांच में इसे 70 प्रतिशत प्रभावी पाया गया था। इस आधार पर विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि टीके की दोनों खुराक लेने के बाद कुछ फीसदी ऐसे लोग भी हो सकते हैं, जिन पर टीके का पूरा असर न हो और वे संक्रमित हो जाएं। ऐसे में जरूरी है कि लोग कोविड प्रोटोकॉल तोड़ने से बचें।
अपनों की सुरक्षा के लिए दूरी
मास्क लगाना, हाथ धोना और दो गज की दूरी का पालन करना तब भी जरूरी होगा, जब लोग टीका लगवा लेंगे। जॉर्ज वॉशिंगटन विश्वविद्यालय की महामारी विशेषज्ञ प्रो. लीना वेन का कहना है कि लोगों को यह बात समझनी होगी कि कोरोना का टीका उन्हें तो बचाएगा पर यह आपके अपनों की सुरक्षा की गारंटी नहीं है। अगर लोग टीका लगवाने के बाद बचाव के तरीकों का पालन नहीं करेंगे तो वे अपनों के लिए खतरा बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना का टीका लोगों के शरीर में संक्रमण के लक्षण पैदा नहीं होने देता पर इस बात की संभावना है कि वह व्यक्ति एसिम्प्टोमैटिक कोरोना संक्रमण का वाहक बन जाए। उस व्यक्ति के नासिका मार्ग में वायरस हो सकता है जो उसके बोलने, सांस लेने, छींकने पर दूसरे लोगों तक पहुंच सकता है।
दूसरी खुराक के 14 दिन बाद काम शुरू करेगा टीका
भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सीन की कोरोना वैक्सीन का टीका आज से लगाना शुरू किया जाएगा, यह दो टीके दो-दो खुराकों वाले हैं। पहली खुराक लेने के 28 दिन के बाद दूसरी खुराक दी जानी है, जिसके 14 दिन के बाद ही टीके से शरीर में प्रतिरक्षा पैदा होनी शुरू होगी। यह प्रतिरक्षा धीरे-धीरे बढ़ेगी इसलिए जरूरी है कि कोई भी व्यक्ति लापरवाही न करें।