नई दिल्ली (एजेंसी) । कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए बनाई गई नेशनल कोविड टास्क फोर्स के हेड डॉ. विनोद पॉल ने बताया है कि रूस की स्पूतनिक वैक्सीन जल्द ही इमरजेंसी यूज के लिए अप्लाई कर सकती है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि स्पूतनिक का आखिरी फेज का ट्रायल भारत में चल रहा है. इसके नतीजे आने पर स्पूतनिक के इमरजेंसी यूज के लिए आवेदन किया जा सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत किसी भी वैक्सीन प्रोजेक्ट को देश में इमरजेंसी यूज की अनुमति तभी देगा जब उसकी लोकल स्टडी हुई हो। भारत ने जिन दो वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की अनुमति दी है उन दोनों ने ही देश में ट्रायल किए हैं। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के प्रोजेक्ट के ट्रायल भारत में करीब 1500 लोगों पर किए थे। ये ही उसके इमरजेसी यूज का आधार बना। साथ ही कोवैक्सीन की पूरी ट्रायल प्रक्रिया भारत में हुई है. ये भारत की स्वदेशी वैक्सीन है।

अमेरिकी दवा कंपनी Pfizer ने भी भारत में इमरजेंसी यूज की अनुमति मांगी थी लेकिन उसे मना कर दिया गया। इसके पीछे कारण यही है कि कंपनी के पास भारत में कोई ट्रायल हिस्ट्री नहीं है। कंपनी ने अपनी वैक्सीन की भारतीय लोगों पर कोई स्टडी नहीं की है। हालांकि Pfizer वैक्सीन को कई देशों ने इमरजेंसी यूज की अनुमति दी हुई है। सबसे पहले ब्रिटेन ने फाइजर की वैक्सीन को अपने यहां इमरजेंसी यूज की अनुमति दी थी।उसके बाद अमेरिका और कनाडा जैसे देशों ने अनुमति दी।

गौरतलब है कि भारत 16 जनवरी से दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है।इसके लिए कोवैक्सीन और कोविशील्ड के डोज बड़ी संख्या में देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंच रहे हैं।

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