पश्चिम बंगाल में साइक्लोन यास के कारण हुए नुकसान की समीक्षा के लिए हो रहे पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे पर राजनीति शुरू हो गई है। चक्रवाती तूफान ‘यास’ के प्रभावों का आकलन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में राज्य की सीएम ममता बनर्जी के साथ विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और केंद्रीय राज्य मंत्री देवश्री चौधरी को आमंत्रित किए जाने पर कथित रूप से बंगाल राज्य सचिवालय की आपत्ति पर बीजेपी ने सफाई दी है। बीजेपी की ओर से शुभेंदु अधिकारी के विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विपक्ष के नेता के दर्जा का पत्र जारी किया गया है।

टीवी रिपोर्ट्स के अनुसार, सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि अगर सुवेंदु अधिकारी पीएम के साथ होने वाली आधिकारिक मीटिंग का हिस्सा होंगे तो वह खुद इस बैठक में नहीं जाएंगी।

एक वक्त में तृणमूल के शीर्षतम नेताओं में से एक रहे सुवेंदु अधिकारी 2021 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी का हिस्सा बन गए थे। सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी के खिलाफ नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ा था और ममता ये चुनाव हार गई थीं। पश्चिम बंगाल के चुनाव के दौरान सुवेंदु के प्रचार के बल पर ही बीजेपी को तमाम इलाकों में अच्छी सफलता भी मिली। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने सुवेंदु को ही पश्चिम बंगाल विधानसभा में अपना नेता बनाया था।

चुनाव अभियान के बाद अब पश्चिम बंगाल में पहली बार पीएम नरेंद्र मोदी अपने दौरे पर जा रहे हैं। माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में पीएम की समीक्षा बैठक में सुवेंदु अधिकारी को भी बुलाया जाएगा। सुवेंदु के इस बैठक में शामिल होने को लेकर ही टीएमसी ने अपनी नाराजगी जाहिर की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चक्रवाती तूफान ‘यास’ से प्रभावित ओडिशा और पश्चिम बंगाल के विभिन्न इलाकों का दौरा करेंगे। दोनों ही राज्यों में इससे हुए नुकसान की समीक्षा भी करेंगे। प्रधानमंत्री सबसे पहले ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर पहुंचेंगे, जहां वह समीक्षा बैठक करेंगे। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी की यह पहली राज्य की यात्रा है। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि मीटिंग में राज्य की सीएम ममता बनर्जी मौजूद रहेंगी या नहीं। इस बैठक में सुवेंदु अधिकारी के भी शामिल होने की बात कही जा रही है।

इसी महीने आए दो तूफान में सभी एजेंसी की तत्परता से बड़ा नुकसान टाला गया। अधिकारियों के अनुसार पहले ‘तौकते’ और बाद में ‘यास’ से मुकबला के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व में आधा दर्जन मीटिंग हुई। पहले सभी प्रभावित पक्षों से बात की। इसके तहत पीएम ने सभी प्रभावित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से भी फोन पर बातचीत की है। इसके तुरंत बाद पीएम ने हाई लेवल मीटिंग की, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, एनएसए अजित डोवाल और एनडीएआरएफ से जुड़े लोगों ने भाग लिया। पीएम के निर्देश पर दिल्ली में एक कंट्रोल रूम बना दिया गया, जो हालात पर नजर रख रही थी।

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