नई दिल्ली (एजेंसी)| भारत के पूर्व गेंदबाज चेतन शर्मा को सीनियर नेशनल सलेक्शन पैनल का अध्यक्ष चुना गया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) ने मुंबई के अबे कुरुविला और ओडिशा के देवाशीष मोहंती को भी 5 सदस्यीय सलेक्शन पैनल में सदस्य के रूप में चुना है। इसके अलावा सुनील जोशी और हरविंदर सिंह पहले से ही सलेक्शन पैनल के सदस्य हैं। नई चयन समिति की पहली बैठक इंग्लैंड के खिलाफ होम सीरीज लिए टीम का चयन करने के लिए होगी।

अहमदाबाद में बीसीसीआई की 89वीं सालाना आम बैठक के मौके पर नए पैनल का गठन किया गया। चेतन शर्मा ने उत्तरी क्षेत्र से मनिंदर सिंह और विजय दहिया को पछाड़ कर सलेक्शन पैनल में जगह बनाई है। चीफ सलेक्टर चुने जाने पर चेतन शर्मा ने कहा, ”भारतीय क्रिकेट की एक बार फिर से सेवा करने का मौका मिलना निश्चित रूप से मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं ज्यादा नहीं बोलता, क्योंकि मेरा काम ही बोलेगा। मैं इस मौके के लिए केवल बीसीसीआई का शुक्रिया करता हूं।”

पूर्व पेसर कुरुविला को मुंबई क्रिकेट संघ के बड़े अधिकारियों का समर्थन प्राप्त था, उन्हें पश्चिम क्षेत्र से अजीत अगरकर पर तरजीह दी गई। ओडिशा के पूर्व तेज गेंदबाज मोहंती पिछले दो वर्षों से जूनियर राष्ट्रीय चयनकर्ता के तौर पर काम कर रहे थे और केवल दो साल के लिए पैनल में रहेंगे। चयन पैनल में सुनील जोशी दक्षिण क्षेत्र के कोटे से और हरविंदर सिंह मध्य क्षेत्र के कोटे से शामिल हैं।

बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने बयान जारी कर कहा, ‘क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य मदन लाल, रुद्र प्रताप सिंह, सुलक्षणा नायक ने वर्चुअल मीटिंग के बाद यह फैसला लिया।’ उन्होंने कहा, ‘सीनियर होने की वजह से मुख्य चयनकर्ता की जिम्मेदारी चेतन शर्मा के पास रहेगी। एक साल बाद इनके काम की समीक्षा होगी।’ बीसीसीआई के संविधान के अनुसार सबसे ज्यादा टेस्ट खेलने वाला उम्मीदवार मुख्य चयनकर्ता बनता है।

पूर्व भारतीय खिलाड़ी चेतन शर्मा 11 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में 23 टेस्ट और 65 वनडे में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, जिसमें 1987 विश्व कप में हैट्रिक लेना चर्चित उपलब्धि उनके नाम दर्ज है। उन्होंने  16 साल की उम्र में हरियाणा के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलना शुरू किया। उन्होंने 18 वर्ष की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया, जिससे एक साल पहले उन्होंने दिसंबर 1983 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने वनडे करियर का आगाज किया था। मोहंती ने 4 साल के अपने क्रिकेट कैरियर में दो टेस्ट मैच और 45 वनडे मैच खेला है। वह 1999 विश्व कप टीम का भी हिस्सा थे। कुरुविला 10 टेस्ट और 25 वनडे मैचों में खेले हैं।

सलेक्शन पैनल में जगह बनाने के लिए अजीत अगरकर एक मजबूत दावेदार थे, लेकिन प्रभावशाली रिकॉर्ड के बावजूद वह कुरुविला को नहीं पछाड़ सके। अगरकर सभी में एकमात्र उम्मीदवार थे, जिनके पास 200 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैचों में खेलने का अनुभव था। बीसीसीआई के एक सीनियर सूत्र ने कहा, ”अगरकर को मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) का समर्थन कभी प्राप्त नहीं था। ऐसे आरोप थे कि मुंबई के मुख्य चयनकर्ता के तौर पर उन्होंने मैच नहीं देखे थे। करुविला को मुंबई क्रिकेट जगत में प्रभावशाली लोगों का भी समर्थन प्राप्त था। 
   

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