कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में कई विपक्षी दलों के नेताओं ने गुरुवार को संसद भवन से विजय चौक तक मार्च निकाला। पेगासस, कृषि कानूनों और राज्यसभा में अपने सांसदों से कथित बदसलूकी समेत कई मुद्दों पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। विपक्षी मार्च पर निशाना साधते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस ने एक दिन भी चर्चा नहीं होने दी।

संबित पात्रा ने कहा कि संसद के इतिहास में पहली बार हुआ है कि लाबी में कांच का गेट तोड़ दिया गया जिससे एक सुरक्षाकर्मी भी हताहत हुई है। वो भी अस्पताल में है। ये वही विपक्षी हैं जो कह रहे थे कि संसद का एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए मगर जब सत्र चल रहा था, कोरोना पर एक दिन भी चर्चा नहीं होने दी।

पात्रा ने कहा कि जिस प्रकार का व्यवहार आज कांग्रेस पार्टी और कुछ अन्य विपक्षी पार्टियां सड़क पर उतरकर कर रही हैं। जिस प्रकार अराजकता संसद के अंदर विपक्षी पार्टियों और खासकर राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने दिखाया है उससे पूरा देश और लोकतंत्र शर्मसार हुआ है।

मार्च से पहगले कई विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में मुलाकात की और फिर संसद भवन से विजय चौक तक विरोध प्रदर्शन किया। बैठक में शामिल होने वालों में राहुल गांधी, शरद पवार, खड़गे, संजय राउत, मनोज झा और अन्य विपक्षी नेता शामिल थे।

इसके बाद विपक्ष के नेताओं ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की और कुछ महिलाओं सहित सांसदों के साथ कथित तौर पर धक्कामुक्की की शिकायत की।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष ने पेगासस, किसानों के मुद्दों और मूल्य वृद्धि का मुद्दा उठाया लेकिन उन्हें संसद के अंदर बोलने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि विपक्ष को संसद के अंदर बोलने नहीं दिया गया और यह लोकतंत्र की हत्या से कम नहीं है। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने विपक्ष के आरोपों को पूरी तरह से गलत करार दिया था और कहा कि सीसीटीवी फुटेज से तथ्यों की जांच की जा सकती है।

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