नई दिल्ली | बिहार में करारी शिकस्त के बाद काग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाने के बाद कई तरफ से हो रहे हमलों के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के करीबियों ने कहा कि पार्टी नहीं चाहती थी कि वह प्रचार करें। चुनाव प्रचार में जी-23 समूह में शामिल ज्यादातर नेताओं को प्रचार से दूर रखा गया था। दरअसल, लोकसभा में संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि हार पर सवाल पूछने वाले नेता चुनाव प्रचार में क्यों नहीं गए थे। उन्हें भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए थी।

सुबोधकांत सहाय ने भी पार्टी संगठन पर उठाए सवाल

पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के बाद अब झारखंड कांग्रेस के कद्दावर नेता सुबोधकांत सहाय ने पार्टी संगठन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ट्रांजिशन पीरियड से गुजर रही है। नट-बोल्ट टाइट करने की जरूरत है। संगठन का मामला ढीला चल रहा है। इसके लिए  संगठन की ओवरवायलिंग की आवश्यकता है। पार्टी में  वैचारिक भिन्नता हो सकती है, लेकिन कोई दुश्मन नहीं है। 

सुबोधकांत ने कहा कि सत्ता संघर्ष कैसे साथ चले,  इसे कांग्रेस को सीखना होगा। सिर्फ कागजी संघर्ष से संघर्ष नहीं कर पाएंगे और ना ही चुनाव जीत पाएंगे। कांग्रेस में सामूहिकता का नेतृत्व होता है। नेहरू गांधी परिवार का नेतृत्व नहीं, उससे ऊपर होता है। भाजपा जिस प्रकार चुनाव में एक-एक प्रत्याशी की मॉनिटरिंग करती है और जिताने तक लगी रहती है, उसी तरह कांग्रेस को भी करना चाहिए। कांग्रेस की विचारधारा आज भी नजर आती है,  लेकिन जब कोई जहर भूल जाता है,  तब लोगों की मानसिकता बदल जाती है। ऐसे में उसे हमें सही भी करना है और अपनी विचारधारा को बचाते हुए सफलता भी पानी है। 

पूर्व सांसद फुरकान अंसारी को कारण बताओ नोटिस

पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर बिहार विधान सभा में काग्रेस की हार के बाद सवाल उठाने वाले पूर्व सांसद फुरकान अंसारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा कि फुरकान अंसारी को सात दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है। पार्टी नेता फुरकान अंसारी को भेजे नोटिस को एक नजीर के तौर पर देख रहे हैं। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इसके बाद दूसरे नेताओं को भी नोटिस देने का रास्ता खुल जाएगा। कांग्रेस के अंदर एक बड़ा तबका शुरुआत से ही पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 असंतुष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता रहा है। इस पत्र के बाद हुई सीडब्लूसी की बैठक में भी यह मांग उठी थी लेकिन उस वक्त पार्टी अध्यक्ष ने पुरानी बातों को भुलाकर आगे बढ़ने की नसीहत दी थी। इस वक्त स्थिति बदली हुई है। ऐसे में कांग्रेस सख्त रुख अपनाने की तैयारी कर रही है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अनुशासन के नियम सभी के लिए समान हैं। फुरकान अंसारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद दूसरे नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग उठेगी। पार्टी ने अभी तक किसी असंतुष्ट नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। अंसारी को नोटिस के बाद ऐसा हो सकता है। वह कहते हैं कि ऐसा करना जरुरी भी है, क्योंकि नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। जल्द चुनाव कार्यक्रम का ऐलान कर दिया जाएगा। इस बीच पार्टी का असंतुष्ट गुट भी चुप्पी साधने के लिए तैयार नहीं है।

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