वाराणसी। भारत में रिश्तों की सबसे ज्यादा अहमियत है। संयुक्त परिवार के चलन की वजह से अपना देश दुनिया में एक अलग पहचान बनाए हुए है। दुनियाभर के लोग मानते हैं कि धन-दौलत चाहे किसी देश के पास जो भी हो, लेकिन रिश्तों की तासीर समझने और उसे निभाने में भारतीयों का कोई जोड़ नहीं। वैश्विक महामारी के इस दौर में कोरोना वायरस का भय इतना अधिक है कि पारिवारिक रिश्तों के धागे कमजोर होते हुए दिख रहे हैं। खासकर धर्म नगरी काशी के लोगों में यह आदत देखी जाती रही है कि वह अपने कल्चर, समाज और रिश्तों से जल्दी अलग नहीं होते हैं, वे इसे निभाना बखूबी जानते हैं। कोरोना वायरस ने काशी की धरती पर भी रिश्तों को कमजोर कर दिया है। आलम यह है कि मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते जान गंवाने वाले शख्स को उसके ही सगे भाई ने लावारिस हालत में छोड़कर भाग खड़ा हुआ। सिर्फ यहीं नहीं मृतक के भाई ने इंसानियत को शर्मसार करते हुए उसके (मृतक भाई) जेब से 6 हजार रुपये भी ले उड़ा। धर्म नगरी काशी में इस घटना ने न केवल रिश्तों को शर्मसार किया बल्कि इंसानियत पर भी सवाल खड़ा कर दिया।

खबरों के मुताबिक, मूलतः पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर (मुगलसराय) के अजय कुमार ने कोरोना संक्रमित अपने सगे भाई विजय को कबीरचौरा अस्पताल में भर्ती कराया था। ईलाज के दौरान ही विजय की मौत हो गई। शव के पंचनामा के मृतक की जेब से 6 हजार रुपये मिले जो उसके भाई को दे दिए गए। पुलिस ने शव को भाई की सुपुर्दगी में देकर पोस्टमार्टम के लिए बीएचयू भेजा। पोस्टमार्टम के बाद शव एम्बुलेंस से हरिश्चंद्र घाट भेजा गया।

बीएचयू में अजय ने ऑटो से हरिश्चंद्र घाट पहुंचने की बात कहकर एम्बुलेंस चालक को आगे जाने के लिए कहा। एम्बुलेंस चालक हरिश्चंद्र घाट पर अजय का इंतजार करने लगा। चार घण्टे तक जब वो नहीं पहुंचा तो एम्बुलेंस चालक शव लेकर कबीरचौरा आ गया। शव मर्चरी में रख दिया गया। तीन दिन तक जब कोई भी परिजन अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आया। जिसके बाद कबीरचौरा चौकी प्रभारी प्रीतम तिवारी ने अपना मानवीय चेहरा दिखाते हुए सरकारी नियम के अनुसार उक्त युवक का अंतिम संस्कार हरिश्चंद्र घाट पर कराया। महामारी के समय में पुलिस के इस मानवीय पहलू की सभी जमकर प्रशंसा कर रहे हैं।

गौरतलब है कि, कोरोना महामारी के काल में वाराणसी पुलिस कई सराहनीय काम कर रही है, उसकी जितनी तारीफ हो, वह कम है। वाराणसी पुलिस हर एक व्यक्ति की मदद करने की भरपूर कोशिश कर रही है। पुलिस शवों को कंधा देकर उनका अंतिम संस्कार तक करवा रही है।

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