अब कोविड-19 के इलाज के लिए कैशलेस सुविधा नहीं देने वाले अस्पतालों के खिलाफ उचित कार्रवाई हो सकती है। इंश्योरेंस रेगुलेटर ने इस संबंध में सभी इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश दे दिया है। रेगुलेटर की ओर से यह निर्देश एक ऐसे समय पर आया है, जब इंश्योरेंस कंपनियों के पास ऐसे क्लेम्स की संख्या बढ़ गई है जहां अस्पताल कैशलेस सुविधा से मना कर रहे और एंटीबायोटिक्स का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी गुरुवार को ही इस बारे में एक ट्वीट किया।
वित्त मंत्री ने ट्वीट में लिखा, ‘कुछ रिपोर्ट्स मिल रहे जहां कैशलेस इंश्योरेंस को लेकर अस्पताल मना कर रहे हैं। मैंने इरडा के चेयरमैन एस सी खुंटिया से बातकर तत्काल कार्रवाई करने को कहा है। मार्च 2021 में कोविड-19 को कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में शामिल किया गया था। कैशलेस की सुविधा नेटवर्क और टेम्पोररी अस्पतालों में उपलब्ध है।’
निर्मला सीतारमण ने यह भी बताया कि 20 अप्रैल तक कोविड-19 से संबंधित करीब 9 लाख क्लेम का सेटलमेंट हो चुका है और इंश्योरेंस कंपनियों ने 8,642 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं।
IRDAI ने इंश्योरेंस कंपनियों को क्या कहा है?
इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया है, ‘इंश्योरेंस कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जहां पॉलिसीहोल्डर्स को नेटवर्क अस्पतालों में कैशलेस सुविधा को नोटिफाई किया गया है, ऐसे नेटवर्क पर पॉलिसी और SLA के नियम व शर्तों के अनुसार पॉलिसीहोल्डर्स को कैशलेस सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए।’ कंपनियों को कहा गया है कि वे कैशलेस सुविधा की उपलब्धता के लिए सहूलियत का ख्याल रखें।
बीते एक साल में बढ़ गया कोविड-19 के इलाज का खर्च
इंश्योरेंस कंपनियों के लिए सबसे बड़ी समस्या है कि देशभर में विभिन्न इलाकों में कोविड-19 के इलाज का खर्च अलग-अलग है। कोरोना वायरस के पहली लहर के दौरान एक मरीज औसतन 10 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहता था। दिसंबर 2020 तक यह कम होकर औसतन 7 दिन तक आ गया था। पिछले साल औसत क्लेम करीब 1.3 लाख रुपये होता था जोकि अब 7 दिन के लिए ही बढ़कर 1.4 लाख रुपये हो गया है।
फर्जी क्लेम के मामले भी सामने आ रहे
एक मीडिया रिपोर्ट में ऐसी ही एक इंश्योरेंस कंपनी के हवाले से कहा गया है कि कुछ अस्पतालों में मेरोपेनेम और टार्गोसिड जैसे एंटीबायेटिक्स का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है। इससे क्लेम की रकम में इजाफा हुआ है। इंश्योरेंस कंपनियों के लिए एक समस्या यह भी खड़ी हो गई है कि कोविड-19 पॉजिटिव होने और अस्पताल में भर्ती होने की गलत रिपोर्ट तैयार कर भी फर्जी क्लेम किए जा रहे हैं।
अगर आपको नहीं मिल रही कैशलेस इलाज की सुविधा तो ऐसे करें शिकायत
- आप इरडा के कंज्यूमर रिड्रेसल डिपार्टमेंट क टोल फ्री नंबर 155255 या 1800 4254 732 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
- जरूरी डॉक्युमेंट्स के साथ complaints@irdai.gov.in पर मेल भेजकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
- इरडा के पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है। इसके लिए आपको अपनी शिकायत को igms.irda.gov.in पर दर्ज कर मॉनिटर कर सकते हैं।
- आप चाहें तो लिखित शिकायत भी भेज सकते हैं। इसके लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म को डाउनलोड कर प्रिंट निकाल लें। आपको यह फॉर्म यहां मिल जाएगी। इस फॉर्म के साथ जरूरी डॉक्युमेंट्स लगाकर हैदराबाद के पते पर पोस्ट कर सकते हैं।