अयोध्या। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अब अयोध्या में बनने वाली मस्जिद को लेकर विवादित बयान दिया है। ओवैसी ने कहा कि यहां नामाज पढ़ना हराम है। इसके बाद मस्जिद ट्रस्ट ने पलटवार किया है और सचिव और इंडो इस्‍लामिक कल्‍चरल फाउंडेशन के अतहर हुसैन ने इसे राजनीतिक एजेंडे से जुड़ा बताया है। ङ

असदुद्दीन ओवैसी ने कर्नाटक के बीदर में सेव कॉन्स्टिट्यूशन सेव इंडिया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘अयोध्‍या के धन्‍नीपुर में बनने वाली मस्जिद इस्‍लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है। उसे मस्जिद नहीं कहा जा सकता, इस लिहाज से इसके निर्माण के लिए दान देना और वहां नमाज पढ़ना दोनों ही ‘हराम’ हैं।

मस्जिद ट्रस्ट ने किया ओवैसी पर पलटवार

टाइम्स ऑफ इंडिया के बात करते हुए मस्जिद ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने कहा, ‘अल्लाह के लिए जहां भी नमाज पढ़ी जाती है वह जगह हराम नहीं हो सकती है। ओवैसी जिस इलाके से आते हैं, वहां 1857 में हुई आजादी की पहली लड़ाई की तकलीफ उन्हें महसूस नहीं हुई। यह भी हो सकता है कि ओवैसी के पूर्वजों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ उस विद्रोह में हिस्सा ही न लिया हो।’

सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में दिया था फैसला
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2019 में अयोध्या विवाद पर राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था और मंदिर बनाने की अनुमति दी थी। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में कहीं पांच एकड़ जमीन दी जाए। इसके बाद यूपी सरकार ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या के धनीपुर गांव में जमीन दी थी, जहां मस्जिद का निर्माण किया जा रहा है।

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