कोलकाता। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से दिग्गज नेताओं के साथ छोड़ने का सिलसिला जारी है। ममता बनर्जी सरकार में वन मंत्री राजीब बनर्जी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने त्यागपत्र में लिखा, ‘पश्चिम बंगाल के लोगों की सेवा करना बहुत सम्मान और सौभाग्य की बात है। मैं इस अवसर को पाने के लिए दिल से आभार व्यक्त करता हूं।’

राजीव बनर्जी के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद कयासों का बाजार गर्म हो गया है। क्या वह भी शुभेंदु अधिकारी की तरह भारतीय जनता पार्टी का दामन थामेंगे? आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने राजीब बनर्जी का इस्तीफा मंजूर कर लिया है।

पश्चिम बंगाल में अपने पक्ष में माहौल गरमाए रखने के लिए भाजपा तृणमूल कांग्रेस में धीरे-धीरे सेंध लगाकर आगे बढ़ेगी। पार्टी का दावा है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई विधायक उसके संपर्क में है, लेकिन वह किसी जल्दबाजी में नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 23 जनवरी व गृह मंत्री अमित शाह के 30 जनवरी के दौरों के से भाजपा के मिशन को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।

भाजपा महासचिव व राज्य के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय चालीस से ज्यादा तृणमूल कांग्रेस के विधायकों के संपर्क में होने का दावा कर चुके हैं। हालांकि उन्होंने नामों का खुलासा नहीं किया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, वह इस मामले में कोई जल्दबाजी नहीं करेगी, बल्कि धीरे धीरे तृणमूल को झटका देगी। पार्टी में लगभग एक दर्जन नेता शामिल हो सकते हैं, लेकिन उनको एक-दो कर लिया जाएगा। इसके पीछे मकसद चुनाव तक विरोधी खेमे में भगदड़ की स्थिति बनाए रखना है।

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