कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने देश में कोरोना की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि हर परिवार के सामने यह परेशानी पैदा हो रही है कि किस तरह से अपनों का इलाज करवाएं, किस तरह से अस्पतालों में उन्हें बेड दिलवाएं और कैसे ऑक्सीजन उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि आज देश में कोरोना की भयावह स्थिति है। इस समय हम सबको, पूरे देश को एकजुट होकर इस स्थिति का सामना करना पड़ेगा।
प्रियंका गांधी ने कहा, ‘अस्पतालों में डॉक्टर्स, नर्स और सारी सुविधाएं होने के बावजूद इतना बोझ आ रहा है कि स्थिति संभल नहीं रही है। इस समय हर किसी को जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आना चाहिए, फिर चाहे वो आम जनता हो या किसी भी राजनीतिक पार्टी का नेता’।
‘हम हमेशा आपकी मदद के लिए मौजूद’
कांग्रेस महासचिव ने डाक्टर्स और नर्स समेत तमाम फ्रंटलाइन वर्कर्स का धन्यवाद करते हुए कहा, ‘मैं आज उन सभी को दिल से धन्यवाद देना चाहती हूं जो आज फ्रंटलाइन पर तैनात होकर कोरोना के खिलाफ लड़ रहे हैं’। प्रियंका गांधी ने कहा कि इस मुश्किल परिस्थिति में पूरा देश एक साथ है। हम जो भी कर सकते हैं, वो आपके लिए करेंगे। हम हमेशा आपकी मदद के लिए मौजूद हैं।
‘समय था..फिर भी क्यों नहीं की तैयारी ?’
प्रियंका गांधी ने कहा कि कोरोना के फर्स्ट वेव और सेकंड वेव के दौरान हमारे पास बहुत समय था। हम तैयारियां कर सकते थे। भारत ऑक्सीजन का एक सबस बड़ा मैन्युफैक्चरर है। फिर भी ऑक्सीजन की कमी देश में क्यों हो रही है? वो इसलिए क्योंकि उसके ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा नहीं है। सरकार के पास काफी समय था, 8-9 महीने थे। मालूम था कि देश में कोरोना की सेकंड वेव आने वाली है, मगर फिर भी इसको नजरअंदाज किया गया।
‘जनवरी से मार्च के बीच 6 करोड़ वैक्सीन का हुआ निर्यात’
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्टेशन के लिए केवल 2,000 ट्रकें हैं। देश में ऑक्सीजन उपलब्ध है, मगर ट्रांसपोर्टेशन की वजह से जहां उसे पहुंचना चाहिए वहां वो पहुंच नहीं पा रहा है। वहीं वैक्सीन की कमी पर प्रियंका ने कहा, ‘सरकार ने जनवरी से मार्च के बीच 3 महीनों के दौरान 6 करोड़ वैक्सीन का निर्यात किया है’. प्रिंयका ने सरकार से सवालिया अंदाज में पूछा, ‘आपने पहले भारतीय नागरिकों को महत्व क्यों नहीं दिया, अपने देश के लोगों को प्राथमिकता पर क्यों नहीं रखा’।