अपने लखनऊ दौरे के दूसरे दिन शनिवार को प्रियंका गांधी ने लखीमपुर खीरी के पसगवां ब्लॉक पहुंची और उस महिला सपा कार्यकर्ता से मिलीं जिसके साथ ब्लॉक प्रमुख चुनावों के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अभद्रता की थी. मुलाक़ात के बाद मीडिया से बातचीत में प्रियंका ने कहा कि यूपी में चुनाव लड़ने के लोकतांत्रिक अधिकार छीने गए हैं. वो महिलाएं मेरी बहन हैं, मैं अपनी बहनों से मिलने आई हूं. प्रियंका ने योगी सरकार से पसगवां ब्लॉक प्रमुख का चुनाव रद्द करने की भी मांग की है. प्रियंका ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन चुनावों में जीत की तारीफ की, जहां हिंसा हुई और बम चले. इस दौरान उनके साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और कांग्रेस प्रवक्ता सुधांशु वाजपेयी भी थे.

उधर सपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष क्रांति सिंह ने प्रियंका के पहुंचने से पहले ही बयानबाजी शुरू कर दी. क्रांति सिंह का कहना है कि प्रियंका गांधी जबरन आ रही हैं, हालांकि घर आ रहे मेहमान को रोका नहीं जा सकता. हालांकि कांग्रेस नेता प्रहलाद पटेल का कहना है कि प्रियंका गांधी मानवता और इंसानियत के नाते उनसे मिलने जा रही हैं. जिस महिला से मिलने प्रियंका गांधी लखीमपुर खीरी पहुंची है वो सपा के पूर्व जिलाउपध्यक्ष क्रांति सिंह के घर पर मौजूद थी. बता दें कि इस महिला के साथ कथित तौर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अभद्रता की थी और नामांकन से रोकने के लिए कपड़े तक फाड़ दिए थे. इस मामले में योगी सरकार ने इलाके के सीओ और एसपी समेत कई पुलिसवालों को भी सस्पेंड कर दिया था.

अपने लखनऊ दौरे पर प्रियंका लगातार योगी सरकार पर हमलावर बनी हुई हैं. उन्होंने शुक्रवार को कहा था कि यूपी में सरकार ही संविधान को नष्ट कर रही है. लोकतंत्र का खुलेआम चीर हरण हो रहा है. उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर से निपटने में भी प्रदेश सरकार को पूरी तरह से विफल बताया था. प्रियंका ने कहा कि भले ही पीएम ने योगी सरकार को अच्छा काम करने का सर्टिफिकेट दे दिया हो लेकिन सच यही है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पंचायत चुनाव कराए गए जिसमें बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए और हज़ारों टीचरों की मौत हुई. बीजेपी के मन के मुतबिक नतीजे नहीं आए तो इन्होने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में हिंसा फैला दी.

प्रियंका ने पीसीसी मुख्यालय पर शुक्रवार शाम को जिला व शहर अध्यक्ष और प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी. उन्होंने पदाधिकारियों से कहा था कि वे कोरोना से मरने वाले लोगों के परिवारीजनों से मिलने उनके घर जाएं. सुख-दुख के साथी बनें। जो दवा वितरण के लिए दी गई थी, उसका समुचित वितरण करें. इससे पहले प्रियंका ने ट्वीट कर कहा था कि मोदीजी के सर्टिफिकेट से यूपी में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान योगी सरकार की आक्रामक क्रूरता, लापरवाही और अव्यवस्था की सच्चाई छिप नहीं सकती. लोगों ने अपार पीड़ा, बेबसी का सामना अकेले किया. इस सच्चाई को मोदीजी, योगीजी भूल सकते हैं, जिन्होंने कोरोना का दर्ज सहा, वे नहीं भूलेंगे.

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