नई दिल्ली। सोमवार को ट्विटर ने 250 ट्विटर हैंडल्स को सस्पेंड कर दिया। इस संबंध में सरकार की पहली प्रतिक्रिया आई है। Zee News के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी को दिए इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह पूरी तरह से ट्विटर कंपनी का काम था, सरकार ने ये कदम नहीं उठाया। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि प्रसार भारती का भी ट्विटर हैंडल होल्ड कर दिया गया था, लेकिन बाद में उसको रिलीज किया गया। इसके साथ ही सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ पत्रकार, पत्रकारिता के नाम पर जो फेक न्यूज़ फैला रहे हैं, वो कितना जायज है? इसके माध्यम से समाज में बैर भाव फैलाना कितना जायज है?
उन्होंने दो हालिया उदाहरण देते हुए कहा कि 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान एक शख्स की मौत हो गई। एक पत्रकार ने ट्विटर पर उसको इस तरह से पेश किया जैसे कि पुलिस की गोली लगने से उस शख्स की मौत हुई। जबकि सच्चाई ये है कि पुलिस ने पूरे घटनाक्रम के दौरान गोली चलाई ही नहीं। इसी तरह राष्ट्रपति भवन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र के अनावरण कार्यक्रम के दौरान इसी तरह कहा गया कि ये तस्वीर नेताजी की नहीं है बल्कि एक एक्टर की है। नेताजी के परिवार ने इसका खंडन किया। उस एक्टर ने इसका खंडन किया। बिना किसी पुष्टि के इस तरह की खबरों को पब्लिक प्लेटफॉर्म पर शेयर करना कितना जायज है ? क्योंकि ये सब न्यूज़ आखिरकार फेक निकलीं।
जब एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी ने पूछा कि TMC की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इस फेक न्यूज़ को फैलाने का काम किया, यानी कि सिर्फ पत्रकार ही नहीं सांसद भी फेक न्यूज़ फैला रहे हैं। इस सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने महुआ मोइत्रा का नाम लिए बिना कहा कि अफवाह फैलाना गुनाह है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के यहां सुभाष चंद बोस की प्रतिमा का लोकार्पण होता है, कोई फैक्ट चेक न करते हुए अफवाहें फैलाई गईं। गोली चली नहीं, फिर भी गोली से मरा ये अफवाह फैलाना तो गुनाह है। ये कौन सी जिम्मेदार पत्रकारिता है? पत्रकारों पर मुकदमे दर्ज होने के सवाल पर प्रकाश जावडेकर ने कहा कि सरकार ने इसमें कुछ नहीं किया। ये तो लोगों ने कोर्ट में शिकायत की और फिर कोर्ट ने संज्ञान लिया। कोई पत्रकार संगठन ये नहीं कहता कि ये हमारी गलती है। वहीं दिखाया ऐसे जाता है कि पत्रकारों पर सरकार केस दर्ज करवा रही है।
बजट पर फेक न्यूज़ फैलाने वालों को सरकार का जवाब
इसके अलावा बजट को लेकर भी तमाम तरह की फेक न्यूज़ फैलाई जा रही हैं, जिनका जवाब देते हुए जावड़ेकर ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों के लिए पिछले 6 साल में कई कार्यक्रमों की शुरुआत की जा रही है। इन कार्यक्रमों के लिए धनसंचय करने के लिए अनेक सेवाओं पर कृषि सेस लगाने के बारे में सरकार ने सोचा है। जिन वस्तुओं पर जितनी मात्रा में कृषि सेस लगाया गया है उतनी मात्रा में दूसरे टैक्स को कम किया गया है, ऐसे में कृषि सेस का बोझ आम आदमी पर नहीं पड़ेगा।
उन्होंने साफ किया कि सरकार ने 2.5 रुपये पेट्रोल पर और 4 रुपये डीजल पर बढ़ाए जरूर हैं, लेकिन उतनी ही मात्रा में एक्साइज ड्यूटी कम की गई है ऐसे में इसका बोझ ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा। केवल कर की जगह इसे सेस नाम दिया गया है। ये एक बदलाव है जिसके बारे में फेक न्यूज फैलाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि LIC को लेकर भी फेक न्यूज फैलाई जा रही हैं। मैं आपको बता दूं कि LIC का मालिकाना हक भारत सरकार के पास ही होगा. LIC के कुछ शेयर IPO के जरिए बेचे जाएंगे।
जावड़ेकर ने कहा कि ये बजट बहुत खास है। उन्होंने कहा कि लोगों को टैक्स से नहीं महंगाई से राहत चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना की मार सरकार और आम जनता दोनों पर पड़ी है। सरकार की रेवेन्यू घट गई है। सरकार ने उद्योगों को बूस्ट देने की कोशिश की है जिससे बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा होंगी।लोगों को रोजगार मिलेगा और उनका जीवन आसान होगा।