नई दिल्ली। सबको घर यानी हर सिर पर पक्की छत देने वाली प्रधानमंत्री आवास योजना अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। वर्ष 2022 तक सबके पास अपना पक्का मकान हो जाएगा। बनाए जा रहे मकानों को शौचालय, रसोई गैस कनेक्शन, पीने का पानी और बिजली के कनेक्शन से लैस किया जा रहा है। राज्य सरकार और उपभोक्ताओं के साथ मिलकर बनाई गई यह योजना काफी कारगर साबित हुई है। सबको घर देने वाली योजना के तहत देश में अब तक 1.29 करोड़ पक्के मकान बनाए जा चुके हैं। अगले दो वर्षो में केवल 94 लाख और पक्के मकान बनाए जाने वाले हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के गठन के साथ ही सबको पक्का मकान देने का वादा किया था। इसे वर्ष 2022 तक प्राप्त करने का लक्ष्य है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए देश के ग्रामीण क्षेत्रों में सभी गरीबों को पक्का मकान बनाने की योजना को लागू किया। पहले चरण में लगभग एक करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य तय किया गया। इसके तहत 91.22 लाख गरीबों का मकान बनाने में सफलता मिली। इसके लिए कुल 1.13 लाख करोड़ रुपये मंजूर किए गए।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के दूसरे चरण में 1.23 करोड़ गरीबों को चिह्नित किया गया, जिनके पास मकान नहीं थे या फिर कच्चे मकान अथवा झोपड़ी थी। इस लक्ष्य के विपरीत 91.93 लाख मकान बना दिए गए। इसके लिए कुल 72 हजार करोड़ रुपये की केंद्रीय मंजूरी मिली। इस तरह दोनों चरणों में कुल 2.23 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया, जिसके विपरीत कुल 1.83 करोड़ आवास बना दिए गए हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए जाने वाले सभी मकानों को हर तरह की मूलभूत सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। इसमें शौचालयों का निर्माण स्वच्छ भारत अभियान और मनरेगा के तहत कराया जा रहा है, जबकि जल जीवन मिशन से हर घर को पेयजल आपूर्ति के लिए नल का कनेक्शन दिया जा रहा है। सौभाग्य योजना से मुफ्त बिजली कनेक्शन और उज्ज्वला योजना के तहत ऐसे सभी घरों में रसोई गैस का मुफ्त कनेक्शन दिया जा रहा है।