यूपी में माफियाओं और बदमाशों पर चल रहे बुलडोजर की मार कई बेगुनाहों को भी भुगतनी पड़ रही है। छोटे-मोटे मामलों में भी पुलिस-प्रशासन के अधिकारी लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाकर तोड़ रहे हैं।
बढ़ती शिकायतों को देखते हुए योगी सरकार ने राज्य के सभी प्राधिकरणों के लिए शुक्रवार को नया आदेश जारी किया। इस आदेश में साफ लिखा गया है कि बुलडोजर वहीं चलना चाहिए, जहां सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हो। उस अतिक्रमण को हटाने के लिए अदालत का कोई आदेश हो या फिर किसी माफिया का आतंक हो।
इसके अलावा किसी भी व्यक्ति को बेवजह परेशान न किया जाए। सरकार ने अपने अधिकारियों को ये भी साफ निर्देश दिया है कि वो अपनी ऊर्जा को राज्य के नवनिर्माण और जनहित के दूसरे कार्यों में लगाएं।
दरअसल राज्य के कुछ स्थानों से गरीबों के ठेले, झोपड़ियों को भी बुलडोजर से तोड़ने की तस्वीरें सामने आ रही हैं। इसका संज्ञान लेते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को गरीबों की झोपड़ियों और दुकानों पर बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं करने की सख्त हिदायत दी है। सीएम योगी का कहना है कि बुलडोजर का इस्तेमाल केवल अपराधियों और माफियाओं की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति और कब्जों के खिलाफ ही होना चाहिए। सीएम ने साफ कहा कि गरीबों और व्यापारियों की संपत्ति जबरन छीनने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यूपी में बुलडोजर का खौफ ऐसा है कि योगी के दोबारा सत्ता में लौटने के बाद से पिछले 2 हफ्ते में 50 से भी ज्यादा अपराधियों ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया है। योगी के दोबारा शपथ लेने के बाद बुलडोजर का खौफ सबसे पहले 15 मार्च को दिखाई दिया। तब अपहरण और जबरन वसूली के लगभग दो दर्जन से ज्यादा अपराधियों ने अपराध से तौबा कर ली थी।
दरअसल यूपी चुनाव के दौरान से ही सीएम योगी की सभाओं में बुलडोजर खासी लोकप्रियता हासिल कर रहा था। उसकी वजह ये थी माफियाओं, गुंडों और अपराधियों की अवैध संपत्ति पर उसका ताबड़तोड़ इस्तेमाल किया जा रहा था। योगी आदित्यनाथ अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी साफ कहा करते थे कि बुलडोजर अभी मरम्मत के लिए गया है। 10 मार्च यानी रिजल्ट के बाद से बुलडोजर फिर से अपने काम पर लग जाएंगे। उनकी सभाओं में भी बुलडोजर खूब दिखाई देते थे।