नोएडा (एजेंसी)। किसान संगठन के नेताओं द्वारा शनिवार को आहूत चक्का जाम के मद्देनजर दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर में पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पुलिस ने बताया कि आम नागरिकों को कई परेशानी ना हो इस बात को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने पूरी तैयारी की है।

अपर पुलिस आयुक्त लव कुमार ने बताया कि शनिवार को किसान संगठनों द्वारा प्रस्तावित प्रदर्शन तथा चक्का जाम के मद्देनजर गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। किसी भी व्यक्ति को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि जनपद में कई स्थानों पर जहां किसान चक्का जाम करने के बाद उत्पात मचा सकते हैं, उन्हें चिन्हित किया गया है। अपर आयुक्त ने बताया कि आम नागरिकों को कई परेशानी ना हो इस बात को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने पूरी तैयारी की है।

वहीं, भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) युवा के जिला अध्यक्ष विभोर शर्मा ने बताया कि चक्का जाम के मद्देनजर उनके संगठन ने पूरी तैयारी की है। संगठन के विभिन्न पदाधिकारी जनपद गौतमबुद्ध नगर में विभिन्न स्थानों पर चक्का जाम करेंगे। 

72वें दिन भी किसान आंदोलन जारी

गौरतलब है कि तीन कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध के चलते राजधानी दिल्ली से लगी गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डरों पर किसानों का आंदोलन आज 72वें दिन भी जारी है। कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। 26 जनवरी को हुई ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद आंदोलन कर रहे किसानों की संख्या में पिछले दिनों कमी आई थी, लेकिन भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के भावुक होने के बाद एक बार फिर से आंदोलन को बड़ी संख्या में किसानों का समर्थन मिलने लगा।

बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं। केन्द्र सरकार तीनों नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।

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