हाथरस/नई दिल्ली। हाथरस में गैंगरेप की शिकार 19 वर्षीय पीड़िता का शव देर रात गांव पहुंचा। विरोध के बीच परिवार को बिना बताए, आधी रात को भारी पुलिस दल की तैनाती में करीब ढाई बजे अंतिम संस्कार कराया गया।

पीड़िता के भाई से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि वो घर में बंद थे। उनका कहना है कि पुलिस हमें जबरन अंतिम संस्कार करवाने के लिए लेकर जा रही थी। हमने इसका विरोध किय तो बिना बताए ही हमारी बहन का अंतिम संस्कार कर दिया।

इस दौरान श्मशान घाट को चारों तरफ से पुलिस फोर्स ने घेर रखा था। इतना ही नहीं पुलिस इस दौरान कैमरे पर रिकॉर्ड करने से भी रोक रही थी। उधर, ग्रामीण रात के समय गुपचुप तरीके से हुए अंतिम संस्कार से हैरान हैं।

पीड़िता के परिवार वाले न्याय न मिलने तक अंतिम संस्कार न करने पर अड़े थे। परिवारवालों का आरोप है कि उनकी अनुमति लिए बिना अंतिम संस्कार कर दिया गया है। इससे पहले मंगलवार रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़ित के शव का पोस्टमॉर्टम किया गया जहां पीड़िता के पिता और चचेरे भाई अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए थे। शाम में वहां भीम आर्मी और कांग्रेस के कार्यकर्ता भी पहुंच गए।

चारों आरोपी गिरफ्तार

पुलिस ने मामले में शामिल चारों आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि पीड़िता ने तीन अलग-अलग बयान दिए हैं। दूसरी तरफ पीड़िता के परिवार ने हाथरस पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग की है। लोगों के गुस्से को देखते हुए इलाके में भारी पुलिसबल की तैनाती की गई है।