कल अप्रैल का माह खत्म ही होने वाला है। महीना खत्म होने से पहले आपको कुछ फाइनेंशियल काम निपटाने होंगे। तो चलिए जानते है कि कल तक आपको क्या करना है। खबर के जरिए हम आपको फॉर्म 15जी / 15एच जमा करने, पीपीएफ में निवेश करने और तो टैक्स प्लानिंग शुरू करने के बारे में बताएंगे।
फॉर्म 15जी / 15एच जमा करें
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फॉर्म 15एच वरिष्ठ नागरिकों को भरना होता है जबकि फॉर्म 15जी उन्हें भरना है जो 60 साल से कम उम्र के हैं। यह फॉर्म इसलिए जरूरी होता कि अगर आपको डिविडेंड मिलता है या कोई ब्याज की रकम मिलती है तो उस पर टैक्स डिडक्शन ऐट सोर्स (टीडीएस) नहीं कटे। हालांकि इसमें कई नियम होते हैं जिन्हें पूरा करना होता है। 15जी आपको तभी भरना होगा जब आपकी ब्याज की रकम 2.5 लाख सालाना से अधिक न हो और कुल आय पर टैक्स की रकम शून्य हो। वहीं 15एच तब भरा जाएगा, जब आपकी कुल अनुमानित टैक्स किसी एक वित्त वर्ष में शून्य हो। बैंकों ने अब ऑनलाइन इन फॉर्म को सबमिट करने के लिए मंजूरी दी है।
पीपीएफ में निवेश करें
अगर आप पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) में निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपको बता दें कि पीपीएफ आपको ज्यादा रिटर्न दे सकता है। अगर पीपीएफ खाता नहीं है तो आपको नया पीपीएफ खाता खोलना चाहिए। इसमें 7.1% की दर से आपको ब्याज मिलता है और यह टैक्स फ्री होता है। अगर आपने अभी निवेश किया तो यह अभी की ब्याज दर के हिसाब से निवेश हो जाएगा और आज की ब्याज दर मिलती रहेगी।
टैक्स प्लानिंग भी जरुरी
टैक्स को लेकर भी एक अहम जानकारी आपको देना चाहते है। बता दें कि आपको टैक्स प्लानिंग समय रहते शुरू कर देना चाहिए। टैक्स पेयर्स को इसे सुनिश्चित करने के लिए जल्द से जल्द निवेश शुरू करना चाहिए। इसे केवल साल के अंत की एक्टिविटी के रूप में नहीं देखना चाहिए। अमूमन देखा जाता है कि लोग वित्त वर्ष के अंतिम महीनों में टैक्स बचाने के लिहाज से निवेश करते हैं। इसलिए अंतिम समय में भागमभाग करने से अच्छा है कि आप अभी इसकी शुरुआत कर दें।
पीएफ कंट्रीब्यूशन में कर सकते बदलाव
अप्रैल 2021 से पीएफ से जुड़े नियमों बड़ा बदलाव हुआ है। मालूम होगा कि आम बजट 2021 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ईपीएफ में 2.50 लाख रुपये से अधिक सालाना जमा करने को टैक्सेबल बना दिया था। यानी एक साल में 2.5 लाख रुपये से ऊपर के प्रोविडेंट फंड कॉन्ट्रीब्यूशन पर मिलने वाली ब्याज पर अब नॉर्मल रेट्स से इनकम टैक्स लिया जाएगा। तो जो ग्राहक ईपीएफ या वीपीएफ में 2.5 लाख रुपये से अधिक का योगदान कर रहे हैं, उन्हें इस वर्ष के लिए जल्द से जल्द इस पर फिर से विचार करना चाहिए।