नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने आज देश के ग्रामीणों के लिए स्वामित्व योजना लॉन्च कर दी। उन्होंने इस योजना को ग्रामीण भारत के लिये क्रान्तिकारी बदलाव लाने वाला करार दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि संपत्ति कार्ड मिलने पर आज लाभार्थी सबसे ज्यादा खुश होंगे। आज की शाम उनके लिए खुशियों की शाम है, नए सपने बुनने का समय है।
. ये अधिकार कानूनी दस्तावेज हैं। पीएम मोदी ने कहा कि यह स्वामित्व कार्ड मिलने से दलित, पिछड़े और गरीब भाइयों बहुत मदद मिलेगी।
पीएम ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में आज देश ने एक और बड़ा कदम उठा दिया है। वामित्व योजना, गांव में रहने वाले हमारे भाई-बहनों को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत मदद करने वाली है। पीएम ने कहा कि आज जिन एक लाख लोगों को अपने घरों का स्वामित्व पत्र मिला है, जिन्होंने अपना स्वामित्व कार्ड डाउनलोड किया है, उन्हें बहुत बधाई ।
पीएम ने कहा कि आज देश के दो महान सपूतों लोकनायक जयप्रकाश नारायण और नाना जी देशमुख की जयंती है। दोनों के प्रयास एक थे, सोच एक थी. जो सपने जयप्रकाश जी ने देखे थे, उसकी ढाल बनकर नानाजी देशमुख ने काम किया । गांव गरीब की आवाज को बुलंद करना लोकनायक जयप्रकाश नारायण और नाना जी देशमुख के जीवन का साझा उद्देश्य रहा। उन्हें विश्वास है कि स्वामित्व योजना गांवों के अनेक विवादों को खत्म होने का कारण बनेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नानाजी कहते थे कि जब गांव के लोग विवादों में फंसे रहेंगे तो न अपना विकास कर पाएंगे और न ही समाज का। इससे समाज में बंटवारा होगा। पूरे विश्व के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स इस बात पर जोर देते रहे हैं कि जमीन और घर के मालिकाना हक की, देश के विकास में बड़ी भूमिका होती है।जब संपत्ति का रिकॉर्ड होता है, जब संपत्ति पर अधिकार मिलता है तो नागरिकों में आत्मविश्वास बढ़ता है।
पीएम ने कहा कि इतने वर्षों तक जो लोग सत्ता में रहे, उन्होंने बातें तो बड़ी बड़ी की लेकिन गांव और गांव के गरीबों को ऐसी ही हालत में छोड़ दिया। वे ऐसा नहीं कर सकते।।
आज दुनिया की एक तिहाई आबादी के पास ही अपनी संपत्ति का रिकॉर्ड है और दो तिहाई लोग इससे वंचित हैं। भारत के लोगों के लिए ये जरुरी है की उनकी संपत्ति का रेकार्ड हो। ये कार्ड बिना विवाद प्रॉपर्टी खरीदने बेचने का रास्ता आसान करेगा। प्रॉपर्टी कार्ड मिलने से बैंक से आसानी से लोन मिल सकेंगे।
उन्होंने कहा कि गांव में अब ड्रोन से मैपिंग और सर्वे हो रहा है। अब उस संपत्ति का सटीक भूमि रिकार्ड बन सकेगा। आने वाले तीन चार साल में गांव में रहने वाले सभी लोगों को प्रॉपर्टी कार्ड देने की कोशिश की जाएगी। पीएम ने कहा कि पंचायत के कामों की ऑनलाइन टैगिंग जरुरी है ,जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। उन्होंने कहा कि हमारे यहाँ कहा जाता है कि भारत की आत्मा गाँवो में बसती है ,पर सच्चाई यही है की गांवों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया था।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के गांव और वहां रहने वाले लोगों के लिए जितना काम पिछले छह वर्षों में हुआ है। उतना आज़ादी में छह दशकों तक नहीं हुआ। गांव को अभाव में रखना कुछ लोगों की राजनीति का आधार रहा। देश को लूटने वाले लोगों को अब देश पहचानने लगा है। इन्हे गांव गरीब और देश की चिंता नहीं है
ये लोग देश के विकास को रोकना चाहते हैं।
पीएम ने कहा कि यूरिया के मामले में जिनके गैर कानूनी काम बंद हो गए, वे आज बेचैन हैं। किसानों को सुविधा मिलने से ये लोग परेशान हैं। इसीलिए वे लोग कृषि सुधारों का विरोध कर रहे हैं। लेकिन दलालों, घूसखोरो के बल पर राजनीति करने वाले कितनी भी कोशिश कर लें. ये देश रुकने वाला नहीं है, यह इस देश ने ठान लिया है।
पीएम ने लोगों को कोरोना संक्रमण के प्रति सचेत करते हुए कहा कि यह महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। इसलिए दो गज की दूरी बरतिये और चेहरे पर मास्क लगाकर ही बाहर निकलिए। जब तक दवाई नहीं आ जाती, तब तक ढिलाई नहीं बरतनी है।
इससे पहले पीएम ने संपत्ति कार्ड पाने वाले कई लाभार्थियों से बात करके उन्हें बधाई दी। बाराबंकी के राम मिलन शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं और किराने की दुकान से काम चलाते हैं। पीएम से बात करते हुए राम मिलन ने कहा कि उन्हें संपत्ति कार्ड मिलने से पास पड़ोस से विवाद खत्म हो सकेगा।
पीएम ने संपत्ति कार्ड मिलने पर पौड़ी गढ़वाल के लाभार्थी सुरेश से भी बात की। पीएम ने कहा कि किसान को जब अपनी संपत्ति का मालिकाना हक मिल जाता है, तब उनमें स्वाभिमान जग जाता है। पीएम के साथ बातचीत से उत्साहित सुरेश ने कहा कि यह कार्ड मिलने से गांव में संपत्ति से जुड़े विवादों का अंत हो जाएगा।
इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि यह योजना गाँवों में संपत्ति को लेकर विवादित स्थिति को ठीक करने का एक प्रयास है। इस योजना के तहत देश के सभी गाँवों में ड्रोन के माध्यम से संपत्ति की मैपिंग की जाएगी और गांव के लोगों को उस संपत्ति का एक मालिकाना प्रमाण पत्र मिलेगा। उन्होंने कहा कि 2024 तक गाँवो में रहने वाले लोगों को प्रॉपर्टी कार्ड मिल जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती दिवस पर इसकी घोषणा की थी। योजना का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में घरों के मालिकों को अधिकार संबंधी रिकॉर्ड से जुड़े संपत्ति कार्ड उपलब्ध कराना है। इस योजना को चरणबद्ध तरीके से चार साल में पूरे देश में लागू किया जाना है.।
इस योजना से 6 राज्यों के 763 गांवों के लोगों को ‘रिकॉर्ड ऑफ राइट्स’ मिलेगा। इस योजना के तहत करीब एक लाख संपत्ति मालिक अपनी संपत्ति से जुड़े कार्ड अपने मोबाइल फोन पर एसएमएस लिंक के जरिये डाउनलोड कर सकेंगे। आज लॉन्चिंग के साथ ही इस योजना के पहले चरण की शुरुआत हो गई है।