नई दिल्ली। आज पूरा देश स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस मौके पर पीएम मोदी ने लाल किले पर तिरंगा फहराया। लाल किले से देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने महात्मा गांधी, नेता जी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद समेत तमाम क्रांतिकारियों को याद किया। पीएम मोदी ने देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू, सरदार बल्लभभाई पटेल को भी इस मौके पर याद करते हुए कहा कि पूरा देश इन लोगों का ऋणी है। प्रधानमंत्री मोदी न कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों, डॉक्टरों को भी याद किया और उनके योगदान को अप्रतिम बताया। इस दौरान पीएम मोदी ने ओलंपिक के खिलाड़ियों की तारीफ की। खिलाड़ियों ने हमारा दिल ही नहीं जीता है बल्कि भारत की आने वाली युवा पीढ़ियों को प्रेरित करने का बहुत बड़ा काम किया है।

आजतक हमारे यहां कभी उन साथियों के बारे में नहीं सोचा गया जो रेहड़ी लगाते हैं, पटरी पर बैठकर सामान बेचते हैं। अब इन साथियों को स्वनिधि योजना के तहत बैंकिंग योजना के तहत जोड़ा जा रहा है। जैसे हमने शत फीसदी घरों तक बिजली पहुंची, शौचालय के निर्माण का प्रयास किया। वैसे ही हमे योजनाओं के शत प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करना है। हमे कुछ ही वर्षों में इस संकल्प को पूरा करना है। शत प्रतिशत का सबसे बड़ा लाभ होता है कि सरकारी योजना के लाभ से कोई वंचित नहीं रहता है।

पीएम मोदी ने कहा कि संकल्प तबतक अधूरा होता है जबतक संकल्प के साथ परिश्रम जरूरी है। हमारे पास गंवाने के लिए एक पल भी नहीं हैर। यही समय है, सही समय है। हमारे देश को बदलना होगा, हमे एक नागरिक के नाते अपने आपको बदलना ही होगा। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास इसी श्रद्धा के साथ हम सब जुट चुके हैं। लेकिन आज लाल किले की प्राचीर से आह्वाहन कर रहा हूं, सबका साथ,सबका साथ, सबका विश्वास और अब सबका प्रयास हमारे हर लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। बीते 7 वर्षों में शुरू हुई अनेक योजनाओं का लाभ करोड़ो गरीबों के घर तक पहुंचा है। उज्जवला से लेकर आयुष्मान भारत की ताकत देश का हर नागरिक जानता है। सरकारी योजनाओं की गति बढ़ी है, निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर रही है। पहले की तुलना में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई है। हमे 100 फीसदी गांवों तक सड़क हो, 100 फीसदी लोगों के पास बैंक खाता हो, 100 फीसदी लोगों के पास उज्जवला योजना, गैस कनेक्शन हो। शत प्रतिशत का मूड बनाकर चलना है।

हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम का परिणा है कि कोरोना वैक्सीन के लिए हमे दूसरे देश पर निर्भर नहीं होना पड़ा। सोचिए अगर देश में अपनी वैक्सीन नहीं होती तो क्या होता। पोलियो की वैक्सीन हासिल करने में कई साल बीत गए। जब पूरी दुनिया में महामारी थी तो हमे वैक्सीन कैसे मिलती। लेकिन आज हम गौरव के साथ कह सकते हैं कि दुनिया में सबसे बड़ा वैक्सीन अभियान भारत में चल रहा है। 54 करोड़ से अधिक डोज लोगों को लग चुकी है। ऑनलाइन ऐप के जरिए वैक्सीन की व्यवस्था की दुनिया में तारीफ हो रही है। 80 करोड़ देशवासियों को लगातार मुफ्त अनाज देकर उनके घर में भोजन की आपूर्ति की गई, यह दुनिया के लिए आश्चर्यजनक है। दुनिया के समृद्ध देशों की तुलना में हमारी व्यववस्थाएं कम हैं, हमारी जनसंख्या भी बहुत है, हमारी जीवन शैली भी अलग है।

सामरिक प्रयास के बाद भी हम कई लोगों को बचा नहीं पाए। लोगों के सिर पर हाथ रखने वाले कई लोग चले गए। यह असहनीय पीड़ा, ये तकलीफ हमेशा से साथ रहने वाली है। मेरे प्यारे देशवासियों हर देश की विकास यात्रा होती है। एक समय ऐसा आता है जब देश खुद को नए सिरे से परिभाषित करता है। खुद को नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ाता है। भारत की विकास यात्रा में भी वह समय आ गया है। 75 साल के मौके पर इसे एक समारोह के तौर पर सीमित नहीं करना है। हमे नए संकल्प लेकर चल पड़ना है। हमे अगले 25 साल की यात्रा जब हम आजादी की शताब्दी मनाएंगे तो भारत और भारत के नागरिकों के लिए समृद्ध भारत का निर्माण हो।

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