देश के सात राज्यों में 100 रुपये के पार पहुंच चुके पेट्रोल के दाम से जनता परेशान है और डीजल की भागती कीमत से महंगाई बढ़ने के प्रबल आसार हैं। इस बीच केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार को देश में पेट्रोल, डीजल के दाम में हो रही वृद्धि के लिए वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई तेजी को जिम्मेदार बताया। प्रधान ने माना कि हाल के दिनों में पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल को माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे में लाने के बारे में कोई भी निर्णय जीएसटी परिषद को लेना है। माना जा रहा है कि पेट्रोल, डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने से इनके दाम में कमी आ सकती है।
उन्होंने कहा, ”पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ने के पीछे मुख्य वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 70 डालर प्रति बैरल पर पहुंच जाना है। इससे घरेलू बाजार में भी दाम बढ़ गए, जिसका उपभोक्ताओं पर नकारात्मक असर पड़ा है। भारत अपनी कुल जरूरत का 80 प्रतिशत तेल आयात करता है। पेट्रोलियम मंत्री पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ने को लेकर संवाददाताओं द्वारा पूछे गये सवाल का जवाब दे रहे थे। प्रधान इंडियन आयल कार्पोरेशन की वड़ोदरा स्थित के विस्तार को लेकर गुजरात सरकार और आईओसी के बीच आपसी सहमति के ज्ञापन पर हस्ताक्षर के मौके पर गांधीनगर पहुंचे थे।
ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए
जनता को ईंधन के बढ़ते दाम से राहत देने के लिए पेट्रोल, डीजल को जीएसटी व्यवस्था के दायरे में लाए जाने को लेकर उनके रुख के बारे में पूछे जाने पर प्रधान ने कहा कि वह इस विचार से सहमत हैं। उन्होंने कहा, ”पेट्रोल, डीजल के दाम वैश्विक बाजारों के अनुरूप चलते हैं। इस क्षेत्र प्रभारी होने के नाते मेरा यह मानना है कि ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए, लेकिन यह काम तभी हो पाएगा जब जीएसटी परिषद के सदस्यों के बीच इसको लेकर सहमति बनेगी। इस बारे में कोई भी निर्णय सामूहिक तौर पर जीएसटी परिषद ही ले सकती है।
राहुल गांधी ने केन्द्र सरकार पर किया हमला
इससे पहले दिन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पेट्रोल, डीजल के बढ़ते दाम को लेकर केन्द्र सरकार पर हमला किया। उन्होंने कहा कि कर वसूली महामारी की लहरें लगातार आती जा रही हैं। राहुल गांधी ने यह टिप्पणी ऐसे समय की जब देश के कई शहरों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर पहुंच गये हैं। वहीं दिल्ली में यह 100 रुपये के करीब पहुंच चुके हैं।