जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में गोचर (प्रवेश) करते हैं तो उस दिन को संक्रांति कहते हैं। जब सूर्य मकर राशि में गोचर करते हैं तो इस दिन को मकर संक्रांति कहा जाता है। हर साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है। इस दिन से खरमास खत्म हो जाते हैं। मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी के साथ कुछ कार्यों को करने का विशेष महत्व होता है। जानिए कौन-से हैं ये 4 काम-
1. सूर्य देव की पूजा- हिंदी कैलेंडर में चंद्र तिथि के हर महीने में दो पक्ष होते हैं। इसी तरह सूर्य के आधार पर एक साल में दो भाग होते हैं। जिसमें छह महीने तक सूर्य उत्तरायन रहते हैं और छह महीने दक्षिणायन। मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायन होते हैं, इसलिए इस त्योहार को देश के कुछ हिस्सो में उत्तरायन भी कहा जाता है। कहते हैं कि इस दिन सूर्यदेव की पूजा और अर्घ्य देना शुभ फलकारी होता है।
2. स्नान, दान, पुण्य का महत्व- मकर संक्रांति के दिन स्नान और दान करने का भी बहुत महत्व होता है। माना जाता है कि इस दिन किए गए पुण्य का कई गुना फल मिलता है। इसके साथ ही मकर संक्रांति पर दान का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन खास तौर पर गाय को चारा खिलाना और तिल दान बेहद शुभ माना जाता है। कहते हैं कि ऐसा करना पुण्य फलकारी होता है।
3. तिल के लड्डू- इस दिन तिल दान के साथ ही तिल, मूंगफली, गजक आदि भी खाया जाता है। इस दिन लोग तिल गजक भगवान को अर्पित करने के बाद प्रसाद बांटते हैं।
4. पतंग महोत्सव- मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ानें की परपंरा है। आसमान में रंग-बिरंगी पतंगें उड़ती हुई सुंदर लगती हैं। कई जगहों पर मकर संक्रांति पर पतंग महोत्सव का आयोजन भी किया जाता है।
मकर संक्रांति के दिन क्या नहीं करना चाहिए-
1. मकर संक्रांति को प्रकृति के साथ जश्न मनाने वाला त्योहार माना जाता है। इस दिन घर के अंदर या बाहर किसी भी पड़े की कटाई या छंटाई नहीं करनी चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करना अशुभ होता है।
2. मकर संक्रांति के दिन किसी भी तरह का नशा नहीं करना चाहिए। इस दिन मसालेदार भोजन करने से भी बचना चाहिए। मकर संक्रांति के दिन मूंग दाल की खिचड़ी, तिल आदि का सेवन करना उत्तम माना जाता है।
3. कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दिन द्वार से किसी भी गरीब या बुजुर्ग को खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए। अपनी सामर्थ्य के हिसाब से कोई न कोई दान जरूर देना चाहिए।
4. मकर संक्रांति के दिन वाणी पर संयम बरतना चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन किसी को अपशब्द कहना अशुभ होता है।