बिहार की राजधानी पटना के वीआईपी इलाके में शुमार पुनाईचक सरेशाम गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्रा उठा। अपराधियों ने सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देते हुए बेखौफ होकर खूनी खेल खेला। शंकर पथ के कुसुम विलास अपार्टमेंट में घुसने से पहले ही वहां पहले से घात लगाकर खड़े बदमाशों ने पटना एयरपोर्ट पर कार्यरत इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रुपेश सिंह को गोलियों से छलनी कर दिया। बाद में अपराधी आसानी से फरार हो गए।
गोलियों की आवाज से सन्न रह गए लोग
शाम करीब सवा सात बजे के पहले शंकर पथ पुनाईचक पूरी तरह से सामान्य था। इसके बाद जैसे ही इंडिगो के स्टेशन मैनेजर की हत्या की गई, पूरा इलाका अशांत हो गया। गोलियों की आवाज कुसुम विलास अपार्टमेंट के साथ ही आसपास के अपार्टमेंट में गूंजने से हर कोई हक्का-बक्का हो गया। भागते हुए लोग जब नीचे उतरे तो नजारा देख लोग हिल उठे। लग्जरी कार की ड्राइविंग सीट के पास लगे गेट का शीशा चकनाचूर था। सड़क पर कांच बिखरा था और चालक की सीट पर बैठे मैनेजर पूरी तरह से लहूलुहान थे। करीब 6 गोली लगने से उनका सीना पूरी तरह से छलनी हो चुका था। राजाबाजार स्थित एक निजी अस्पताल ले जाने पर डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पहले लगा पटाखा फूटा है
कुसुम विलास अपार्टमेंट में रह रहे लोगों का कहना था कि गोलियों की आवाज उनके कानों तक गूंजी तो वह कुछ समझ नहीं पाये। पहले तो महसूस हुआ कि जैसे अपार्टमेंट के सामने गली की सड़क में पटाखा फूट रहा है लेकिन जब नीचे उतरे तो माजरा देख पैरों तले जमीन खिसक गई। इंडिगो के स्टेशन मैनजर को गोलियां से भूनकर बदमाश भाग चुके थे। इसलिए बदमाश कितने थे और कौन थे, पता नहीं चल सका।
बदमाशों ने की थी रेकी
दरअसल, हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों को मैनेजर की हर गतिविधियों की पूरी जानकारी थी। उनके आने-जाने सहित अपार्टमेंट के बारे में भी उन्हें बखूबी पता था। वारदात में लाइनर की भूमिका अहम होने की बात से इनकार नहीं किया जा सकता। बदमाशों को पता था कि शंकर पथ स्थित कुसुम विलास अपार्टमेंट की सड़क का आखिरी छोर बंद है। इसलिए बदमाश अपार्टमेंट के आखिरी छोर के पास छिपे थे। इसलिए अपार्टमेंट की बालकनी में मौजूद लोग बदमाशों को देख नहीं पाये। सवा सात बजे जैसे ही मैनेजर ने अपार्टमेंट के गेट के पास अपनी कार खड़ी की, वैसे ही बदमाशों ने दनादना गोलियां बरसानी शुरू कर दी।
बदमाशों को नहीं था खाकी का खौफ
बदमाशों को खाकी का कोई खौफ नहीं था। इसलिए फुलप्रूफ योजना के तहत बदमाशों ने पुनाईचक में इस हत्या की वारदात को अंजाम दिया। खास बात यह है कि वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश भाग निकले और शहर में जगह-जगह पेट्रोलिंग कर रही पुलिस बदमाशों को पकड़ नहीं सकी।
मैं तो मित्र के यहां गया था साहब..
वारदात के वक्त गार्ड मनोज कुमार मौजूद नहीं था। उसका कहना था कि पिछले तीन साल से मैं अपार्टमेंट में नौकरी कर रहा हूं। अब तक ऐसी कोई वारदात यहां नहीं हुई थी। मंगलवार की सुबह मैं अपने एक मित्र के यहां गया था। शाम करीब साढ़े सात बजे जब लौटा तो उससे पहले यह वारदात हो चुकी थी।
कमरे में देख रही थी टीवी
गार्ड मनोज कुमार की पत्नी का कहना था कि शाम से ही मैं अपने कमरे के अंदर थी और टीवी देख रही थी। टीवी की आवाज में गोली की आवाज उसे सुनाई नहीं दी। जब अपार्टमेंट के लोग चिल्लाते हुये नीचे आये तो मैं भी घबराकर कमरे से बाहर आयी। तब पता चला कि बदमाशों ने साहब की हत्या कर दी है।