नई दिल्ली (एजेंसी)। रक्षा मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में पैंगोंग झील और गलवान घाटी का दौरा करने का फैसला किया है। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। भाजपा के वरिष्ठ नेता जुएल ओराम की अध्यक्षता वाली समिति मई या जून के अंतिम हफ्ते में वहां के दौरे पर जाना चाहती है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इस समिति के सदस्य हैं।

सूत्रों ने बताया कि इन इलाकों का दौरा करने का फैसला समिति की पिछली बैठक में लिया गया था। उस बैठक में गांधी शामिल नहीं हुए थे। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जाने के लिए समिति को सरकार से मंजूरी लेनी होगी। बता दें कि ये वहीं इलाका है जहां पर भारत और चीन के बीच में टकराव की स्थिति बनी हुई थी।

बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चीन के साथ सीमा पर गतिरोध को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से संसद के दोनों सदनों में दिए गए वक्तव्य की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और दावा किया कि प्रधानमंत्री ने ‘भारत माता का एक टुकड़ा चीन को दे दिया। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री चीन के सामने झुक गए और उन्होंने सैनिकों की शहादत के साथ विश्वासघात किया है।

कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘कल रक्षा मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में बयान दिया। कई ऐसी चीजें हैं, जिन्हें स्पष्ट करने की जरूरत है। पहली बात यह है कि इस गतिरोध के शुरुआत से ही भारत का यह रुख रहा है कि अप्रैल, 2020 से पहले की यथास्थिति बहाल होनी चाहिए, लेकिन रक्षा मंत्री के बयान से स्पष्ट है कि हम फिंगर 4 से फिंगर 3 तक आ गए।  उन्होंने कहा, ”देपसांग के इलाके में चीन अंदर आया है। रक्षा मंत्री ने इस बारे में एक शब्द नहीं बोला। गोगरा और हॉट स्प्रिंग के बारे में एक शब्द नहीं बोला, जहां चीनी बैठे हुए हैं।

वहीं, राहुल गांधी के आरोपों के बाद रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग सो (झील) इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने के लिए चीन के साथ एक समझौते को अंतिम रूप दिये जाने के परिणामस्वरूप किसी भी इलाके से दावा नहीं छोड़ा गया है। रक्षा मंत्रालय ने राहुल गांधी के दावे को बेबुनियाद बताया।

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