पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का एक बार फिर बेतुका बयान सामने आया है। इमरान खान बुधवार को दावा किया कि मोबाइल फोन के दुरुपयोग के कारण देश में यौन अपराध बढ़ रहे हैं। इमरान खान आधुनिक तकनीक के सही उपयोग पर बोल रहे थे। इमरान खान की यह टिप्पणी लाहौर के ग्रेटर इकबाल पार्क में एक महिला टिकटॉकर और उसके साथियों को भीड़ द्वारा परेशान और हमला करने के कुछ दिनों बाद आई है।

बुधवार को लाहौर में पंजाब शिक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए, इमरान खान ने कहा कि आधुनिक तकनीक के उपयोग के साथ-साथ युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के अलावा, उनके चरित्र निर्माण के लिए उन्हें सीरत-ए-नबी (पीबीयूएच) के सर्वोच्च गुणों के बारे में मार्गदर्शन और शिक्षित करना जरूरी है। बता दें कि इससे पहले इमरान खान ने अपने एक बयान में कहा था कि महिलाओं के छोटे कपड़े मर्दों को उसकाते हैं। इनके इस बयान को लेकर काफी विवाद भी हुआ था।

दि एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार पीड़िता टिकटॉकर ने लारी अड्डा थाने में दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में कहा है कि वह अपने दोस्तों के साथ मीनार-ए-पाकिस्तान के पास एक वीडियो बना रही थी, तभी करीब 400 लोगों की भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। उसने आरोप लगाया कि भीड़ ने उसे उठा लिया और हवा में उछालना शुरू कर दिया। मेरे कपड़े उतार दिए गए और मेरे कपड़े फाड़ दिए गए।

मीनार-ए-पाकिस्तान त्रासदी पर टिप्पणी करते हुए, इमरान खान ने कहा कि यह घटना परेशान करने वाली थी और इस तरह की घटनाएं हमारी संस्कृति और धर्म का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अतीत में हमारे देश में महिलाओं को जो सम्मान मिल रहा था वह दुनिया में कहीं देखने को नहीं मिला। पश्चिम में महिलाओं को वह सम्मान नहीं मिला जो उन्हें यहां मिलता था। इमरान खान ने कहा कि इस तरह की घटनाएं इसलिए हो रहीं हैं क्योंकि हमारे बच्चों को सही तरीके से गाइड नहीं किया जा रहा है। 

उन्होंने आगे कहा कि मोबाइल फोन के दुरुपयोग के कारण यौन अपराध बढ़ रहे हैं। हमें अपने बच्चों को सीरत-ए-नबी के सर्वोच्च गुणों के बारे में बताने की जरूरत है। इमरान खान ने खेद व्यक्त किया कि पिछले शासकों ने शिक्षा के क्षेत्र पर कभी जो नहीं दिया क्योंकि यह उनकी प्राथमिकता नहीं थी। उन्होंने कहा कि देश में कभी किसी ने एक पाठ्यक्रम के बारे में नहीं सोचा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने पिछले सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकारों ने हमेशा चुनाव अभियान के प्रचार के लिए मेट्रो जैसी अल्पकालिक परियोजनाओं को प्राथमिकता दी। 

पीएम इमरान खान ने कहा कि देश में शुरू की गई अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा प्रणाली ने छात्रों को उनकी मूल संस्कृति से अलग कर दिया है। आजादी के बाद, उन्हें (शासकों को) एक पाठ्यक्रम के साथ शिक्षा प्रणाली पर काम करना चाहिए था, लेकिन हमारे देश में तीन शिक्षा प्रणालियां हुईं… धार्मिक मदरसे, अंग्रेजी माध्यम के स्कूल और सरकारी स्वामित्व वाले स्कूल। उन्होंने कहा कि अतीत में, सरकारी स्वामित्व वाले स्कूलों से सर्वश्रेष्ठ बुद्धिजीवियों को तैयार किया जाता था, लेकिन बाद में व्यवस्था बदल गई और निजी क्षेत्र ने हमें एक विदेशी संस्कृति का दास बना दिया।

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