नई दिल्ली ( एजेंसी )। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पिछले साल जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की चार्जशीट में कहा है कि इसके पीछे पाकिस्तान की ही साजिश थी। चार्जशीट की जानकारी रखने वाले दो लोगों ने बताया कि पुलवामा हमले की योजना बनाने और हमलावर को ट्रेनिंग देने के पीछे इस्लामाबाद का हाथ था। 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ की टुकड़ी पर हुए आतंकी हमले में 40 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।

एनआईए पुलवामा हमले में चार्जशीट इस महीने के आखिर में दाखिल कर सकती है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई, आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद ने प्रशिक्षण प्राप्त आतंकियों को भारत भेजा था। एक अधिकारी ने बताया कि चार्जशीट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने स्थानीय युवक आदिल अहमद डार का इस्तेमाल किया, ताकि वह सीआरपीएफ के काफिले पर विस्फोटक से लदी गाड़ी को भिड़ा सके।

एक अधिकारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया, ‘मजबूत तकनीकी, दस्तावेज और भौतिक साक्ष्य विशेषज्ञों की रिपोर्टों और विदेशी एजेंसी द्वारा साझा किए गए सबूतों से साफ पता चलता है कि इस हमले में सीधे तौर पर पाकिस्तान सरकार शामिल थी, जिसका उद्देश्य भारत में अशांति पैदा करना था।’

साल 2000 में जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना करने वाला मौलाना मसूद अजहर और उसका छोटा भाई, मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर एनआईए की चार्जशीट में मुख्य आरोपी हैं। पुलवामा हमले के बाद से जैश के सात आतंकियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसमें,  शाकिर बशीर, मोहम्मद अब्बास, मोहम्मद इकबाल, वैज उल इस्लाम, इंशा जां, तारिक अहमद शाह और बिलाल अहमद आदि शामिल हैं।

चार्जशीट में पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद उमर फारूक, जैश का एरिया कमांडर मुद्दसिर खान, आदिल अहमद डार भी शामिल हैं, लेकिन बतौर आरोपी नहीं क्योंकि इन सभी को सुरक्षाबलों द्वारा मौत के घाट उतारा जा चुका है। दूसरे अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अजहर और अन्य के खिलाफ एंटी-टेरर लॉ के अंतर्गत चार्जशीट दायर करने की हरी झंडी दे दी है।

असल में आतंकियों की पुलवामा हमला करने की योजना फरवरी के पहले सप्ताह में ही थी। लेकिन, मौसम खराब होने के चलते सुरक्षाबलों के काफिले का जाना टाल दिया गया था। इसके बाद, आईएसआई और जैश-ए-मोहम्मद जम्मू-श्रीनगर हाईवे से सीआरपीएफ के काफिले के गुजरने का इंतजार किया। दूसरे अधिकारी ने बताया कि एनआईए की चार्जशीट में हमला करने वाले अजहर के भाई समेत मुख्य आरोपियों के ईमेल, टैक्स्ट और सोशल मीडिया की बातचीत आदि का भी विवरण है।

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