इस्लामाबाद (एजेंसी)।  अपने ही बनाई नीति से पलटते हुए आखिरकार चार माह बाद अब पाकिस्तान ने भारत को रास्ता देने का फैसला कर लिया है। अब भारत की ओर से अफगानिस्तान के लिए राहत सामग्री पाकिस्तान से होकर भेजा जा सकेगा। इसके साथ ही भारत से अफगानिस्तान तक राहत सामग्री भेजने की समस्या का समाधान हो गया है। बता दें कि बीते अगस्त माह में अफगानिस्तान पर तालिबान के काबिज होने के तुरंत बाद ही भारत ने राहत की पेशकश की थी। इसे पाकिस्तान के रास्ते ले जाना था।

अनुमति मिलने के बाद भारत से 50,000 मीट्रिक टन गेहूं पाकिस्तान से होकर अफगानिस्तान भेजा जाएगा। अफगान के ट्रक अफगान-पाक सीमा पर तोरखम से भारत पाक सीमा पर वाघा जाएंगे।  

पिछले माह ही अफगानिस्तान को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं पहुंचाने के लिए भारत ने पाकिस्तान को अफगान ठेकेदारों और ट्रक ड्राइवरों की एक सूची सौंप दी थी। भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान को मानवीय मदद देने में भारत के सामने अब तक पाकिस्तान ने अड़ंगा लगा रखा था। लेकिन अब दोनों पड़ोसी देश अफगानिस्तान को मानवीय सहायता पहुंचाने को लेकर सहमत हैं। पाकिस्तान ने भारत की ओर से गेहूं अफगानिस्तान पहुंचाने को लेकर कुछ शर्ते लगाई थीं।

दरअसल, भारत ने अक्टूबर 2021 में अफगानिस्तान को बतौर मानवीय सहायता 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजने की घोषणा की थी। साथ ही पाकिस्तान से इसके लिए वाघा बार्डर के रास्ते गेहूं पहुंचाने के लिए रास्ता मांगा था।पाकिस्तान अब भारत को युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में गेहूं भेजने की इजाजत देता है। हालांकि, पाकिस्तान ने यह भी कहा कि यह छूट केवल मौजूदा आपात स्थिति को देखते हुए दी जा रही है। भविष्य में ऐसी कोई छूट नहीं दी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार 2.30 करोड़ अफगान खाद्यान्न संकट से जूझ रहे हैं। लाखों बच्चों को कुपोषण का सामना करना पड़ रहा है। यूएनडीपी के अनुसार अगले साल जून तक कोई कदम नहीं उठाए गए तो 97 फीसद अफगान नागरिक गरीबी की रेखा के नीचे चले जाएंगे।

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